जेल मैन्युअल के कारण पूरा नहीं हुआ डेरामुखी का सपना
हरियाणा सरकार और पुलिस के लिए सिरदर्द बनी डेरामुखी की गोद ली बेटी हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम को रोहतक जेल में छोड़कर दो दिन तक सिरसा डेरे में थी। लेकिन उस दौरान इसके बारे में न तो सिरसा प्रशासन को भनक लगी, न पुलिस को। बताया जा रहा है कि इस बीच डेरे में सबूतों को नष्ट किया गया। हैरत की बात है कि जब हनीप्रीत को पूछताछ के लिए तलाशना शुरू किया तो वह पुलिस, खुफिया विभाग को चकमा देकर डेेरे से फरार हो गई।
दरअसल, 25 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन उत्पीड़न मामले में दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान डेरामुखी के साथ हनीप्रीत भी थी। डेरा प्रमुख को दोषी करार देने के बाद गनमैन उसे कोर्ट से भगाकर ले जाना चाहते थे। पुलिस को शक है कि इस साजिश में हनीप्रीत भी शामिल थी। इस मामले की जांच के लिए पुलिस उससे पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया।
आईपीएस अधिकारी ने किया खुलासा
राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद उसके वकील ने कोर्ट में गुहार लगाई थी कि हनीप्रीत को जेल में उसके साथ रहने दिया जाए। इसका कारण बताया था कि डेरामुखी की दवाओं के बारे में हनीप्रीत को पता है। इस पर कोर्ट ने कहा था कि यदि जेल मैन्युअल इस तरह की अनुमति देता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। जब हनीप्रीत सुनारिया जेल पहुंची तो जेल प्रशासन ने मैन्युअल में ऐसी किसी भी व्यवस्था होने से इनकार कर दिया था।