जे.डब्ल्यू. मैरियट होटल को राहत देते हुए सोमवार को यू.टी. के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ने होटल की लीज कैंसलेशन के आर्डर पर स्टे लगा दी है। नगर निगम की देय राशि न चुकाने पर होटल को सील करने की नौबत आ गई थी। हालांकि चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ने एक कंडीशन लगाई है कि होटल को ग्राऊंड रेंट की प्रिंसीपल अमाऊंट चुकानी होगी। इसके साथ ही ब्याज और गुड्स एंड सर्विस टैक्स भी देना होगा। यह कुल राशि लगभग 5 करोड़ बनती है। होटल के काऊंसिल विकास जैन ने कहा कि होटल निरंतर अंतराल में ग्राऊंड रेंट देता आ रहा है, लेकिन वितीय कारणों से कुछ ऐसे मौके आए जब रेंट नहीं दिया जा सका।
होटल पूरी राशि देने के लिए तैयार है पर ग्राऊंड रेंट न देने पर लगाए गए 20 प्रतिशत ब्याज लगाए जाने के फैसले को गलत ठहराया। वही, नगर निगम के काऊंसिल का कहना था कि अलॉटमैंट लेटर और एक्ट के अनुसार होटल को ग्राऊंड रेंट और पीनल इंटरेस्ट देना ही होगा। चीफ एडमिनिस्ट्रेटर ने अपने आर्डर में होटल को 26 दिसंबर ताज 2.50 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है। इसके साथ ही 31 जनवरी तक पूरा अमाऊंट देने के लिए कहा है। अगर होटल पेमैंट करने में नाकाम रहा तो स्टे हटा ली जाएगी।