ज्ञान सागर को टेक ओवर करने से पंजाब का इनकार, हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज के मामले में साफ कर दिया कि वह इसको टेक ओवर नहीं कर सकती है। इसके पीछे दलील देते हुए सरकार ने कहा कि कॉलेज पर 200 करोड़ की देनदारी है। कॉलेज के नए ट्रस्टी के बारे में मांगी गई जानकारी न मिलने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सोमवार तक अगर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई तो हाईकोर्ट अपने आदेश जारी करेगा।
शुक्रवार को एक सीनियर एडवोकेट ने कहा कि वह कॉलेज के नए ट्रस्टी की ओर से हैं। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि ट्रस्टी कौन है, इस सवाल का जवाब वह नहीं दे पाए। हाईकोर्ट ने कहा कि पिछली सुनवाई पर यह जानकारी मांगी गई थी, फिर यह क्यों नहीं दी जा रही है।
अदालत ने सोमवार तक याचिका पर सुनवाई स्थगित करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दे दिए। अगर इस मामले में कॉलेज और सरकार से कोई भी ठोस जवाब नहीं दिया गया तो हाईकोर्ट मामले में आदेश जारी कर सकता है। पिछली सुनवाई पर पंजाब सरकार ने बताया था कि जो अब इस कॉलेज के नए ट्रस्टी होने का दावा कर रहे हैं, उनके साथ बैठक में यह पता नहीं चल पाया की कॉलेज के पुराने ट्रस्टी ने कब त्यागपत्र दिया और नए ने कब यह जिम्मेदारी संभाल ली।
सरकार की ओर से दी गई इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने नए ट्रस्टी को अपनी पूरी जानकारी पेश करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने नए ट्रस्टी से पूछा था की आप कॉलेज का वित्तीय घाटा कैसे पूरा करोगे यह बताओ, आपकी वित्तीय स्थिति क्या है, इससे पहले क्या कभी आपने कोई कॉलेज संभाला है या नहीं और कॉलेज में क्लासेज कब से शुरू होंगी। हाईकोर्ट ने यह जानकारी मांगी थी, लेकिन नहीं दी गई।