पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर का मानना है कि दिन-रात्रि टेस्ट मैचों से दर्शकों की संख्या में इजाफा होगा और सोमवार को इस बात पर हैरानी व्यक्त की कि भारत इसे अपनाने के खिलाफ क्यों है।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट के बजाय टी-20 लीग में खेलना इसलिये पंसद कर रहे हैं क्योंकि छोटे प्रारूप में काफी धन राशि होती है।
मांजरेकर ने यहां कहा, ‘ज्यादा से ज्यादा लोगों को टेस्ट क्रिकेट के प्रति रूझाने, दर्शकों की संख्या बढ़ाने, लोकप्रियता बढ़ाने का एकमात्र तरीका दिन-रात्रि टेस्ट मैच हैं।’
इस पूर्व खिलाड़ी ने क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में नौंवे दिलीप सरदेसाई स्मारक व्याख्यान में भाषण देते हुए हैरानी व्यक्त की, ‘हम ज्यादा दिन-रात्रि टेस्ट मैच क्यों नहीं खेल रहे हैं, जबकि पता है कि इससे दर्शकों की संख्या में और इजाफा ही होगा।’
उन्होंने कहा, ‘भारत ने हाल में एक पेशकश को ठुकरा दिया- क्योंकि खिलाड़ी इसमें खेलने से भयभीत हैं, गुलाबी गेंद और ओस में नहीं खेलना चाहते।’
भारत के लिए 74 वनडे खेल चुके 53 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘मेरा हमेशा ही मानना रहा है कि परिस्थितियां तब तक अनुचित नहीं होती जब तक ये दोनों टीमों के लिये एक सी हैं।’
मांजरेकर ने कहा, ‘आज टेस्ट क्रिकेट खाली स्टैंड के सामने खेला जाता है और आईपीएल 50,000 से ज्यादा जुनूनी लोगों के सामने जिसे लाखों लोग टीवी पर देखते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हर हालत में खिलाड़ी आईपीएल में खेलना चाहते हैं, जिसके बाद और इसके दौरान खिलाड़ियों को कितनी ही चोटें लगती हैं। आईपीएल से आपको शोहरत और धन मिलता है, कौन इसे न कहेगा?’
मांजरेकर ने कहा, ‘साथ ही टेस्ट क्रिकेट इतना मुश्किल है, इसलिए हैरानी की बात नहीं है कि कई क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट के बजाय टी-20 लीग को चुन रहे हैं।’
बताते चलें कि 7वीं बार एशिया कप अपने नाम करने के बाद अब टीम इंडिया को वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला खेलनी है। 4 अक्टूबर से जहां राजकोट में पहला टेस्ट खेला जाना है तो सीरीज का अंत 11 नवम्बर को चेन्नई में खेले जाने वाले तीसरे टी-20 मुकाबले से होगा।