दर्द कहीं भी हो उसे सहन करना बेहद तकलीफदेह होता है और जब बात दांत के दर्द की हो तो समस्या और बढ़ जाती है। दांत के दर्द के चलते व्यक्ति अपनी सोचने-समझने की क्षमता तक खो बैठता है। ऐसी हालत में आपके टूथपेस्ट में ‘नमक’ हो या न हो पर आपके पास सरसों का तेल जरूर मौजूद होना चाहिए। जी हां सरसों का तेल, हैरान होने की जरूरत नहीं है सरसों का तेल दांतों के दर्द के लिए एक रामबाण उपाय है। आइए जानते हैं कैसे करना है इस्तेमाल।
सरसों के तेल में ढेर सारे विटामिन्स, मिनरल्स और बीटा कैरोटीन पाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और फैटी एसिड भी होता है। इसलिए सरसों का तेल को बालों से लेकर पैरों तक के लिए अच्छा माना जाता है।आइए जानते हैं जब दांतों का दर्द सताएं जो ये तेल कैसे काम आएं।
सरसों का तेल दांतों के दर्द और पायरिया में काफी उपयोगी माना जाता है। दांत में दर्द होने पर सरसों के तेल को दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है। अगर आपको पायरिया की शिकायत है तो आप सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक मिलाकर रोज इससे मंजन करें। थोड़े दिन में आपका पायरिया ठीक हो जाएगा।
इसके अलावा अचानक कभी कान में दर्द उठ जाए तो उस स्थिति में सरसों का तेल बहुत काम आता है। दर्द के वक्त इसकी कुछ बूंदे कान में डालने से तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा सरसों के तेल में लहसुन डाल कर गर्म कर के भी कान में डाला जा सकता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि सरसों के तेल में विटामिन ई की उच्च मात्रा मौजूद होने की वजह से हानिकारक यूवी किरणों और पर्यावरण विषाक्त पदार्थों से त्वचा की रक्षा करती है। सूरज की हानिकारक किरणें न सिर्फ सनटैन का कारण बनती हैं, बल्कि आपकी त्वचा को समय से पहले बूढ़ा बना देती हैं।इससे बचने के लिए घर में मौजूद सरसों के तेल को घर से बाहर निकलने से पहले त्वचा पर लगा लें। यह आपको फायदा पहुंचाएगा।
याद रखें कि कभी भी सरसों के तेल को बड़ी मात्रा में अपनी त्वचा पर उपयोग न करें। ऐसा करने से धूल और प्रदूषण को यह अपनी तरफ आकर्षित करता है। इस तेल को कम मात्रा में रोजाना त्वचा पर लगाने से आपको किसी बॉडी लोशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।