इस शख्स ने गजब की एक ऐसी ईंट बनाई है, रोशनी जिसके आरपार हो जाएगी। बनाने का तरीका देखकर दुनिया भर के साइंटिस्ट भी दंग रह जाएंगे।
एमटेक के एक स्टूडेंट ने ऐसी ईंट बनाई है, जिसमें से रोशनी आसानी से आरपार हो सकती है। अगर इन ईंटों से एक पूरी दीवार बनाई जाए और उस पर 100 वाट की रोशनी की जाए, तो दीवार के दूसरी तरफ करीब 20 वाट की रोशनी जाएगी। जाहिर है इससे बनी दीवार पारकर कमरे में धूप भी दाखिल हो सकती है। अपनी इस खूबी के बावजूद यह ईंट पारदर्शी बिलकुल नहीं है और देखने में यह बिलकुल सीमेंट से बनी नजर आती है। इस ईंट को रोशक्रिट नाम दिया गया है।
इसके निर्माता करन चावला पटियाला स्थित थापर यूनिवर्सिटी से स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में एमटेक कर रहे हैं। रविवार को वह अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति देने पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। रविवार को पीयू में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इंटरप्रनयोनशिप डेवलपमेंट सेल की तरफ से ‘उद्यमी’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें शिरकत करने वाले स्टूडेंट्स स्टार्टअप आइडिया लेकर आए थे। इस बीच करन चावला के प्रोजेक्ट को काफी सराहना मिली।
ईंट बनाने में वेस्ट मेटिरियल का इस्तेमाल
करन ने दावा किया कि उन्होंने ईंट बनाने में वेस्ट मेटिरियल का इस्तेमाल किया है। उसका प्रोजेक्ट पेटेंट की प्रक्रिया से गुजर रहा है और जल्द ही बड़े स्तर पर इसका प्रोडक्शन शुरू होगा, क्योंकि कुछ प्रोजेक्ट्स पूरा करने का उन्हें ऑर्डर मिला है। एक फर्म अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट की बाउंड्री वॉल रोशक्रिट से बनवाना चाहती है, ताकि बाउंड्री वॉल के अंदर रोशनी की जाए और बाहर से दीवार चमके। करन ने बताया कि रोशक्रिट से बनी दीवार पर न तो प्लॉस्टर किया जाता है और न ही इस पर रंगरोगन करने की जरूरत है। क्योंकि फिलहाल उन्होंने ग्रे, काला और लाल रंग का रोशक्रिट बनाया है। वैसे जो रंग चाहे, उसमें रोशक्रिट तैयार की जा सकती है।
क्लास रूम में आया आइडिया, लगे डेढ़ साल
करन चावला ने बताया कि क्लास रूम में बैठे हुए ऐसी ईंट बनाने का आइडिया आया, क्योंकि अक्सर लाइट चली जाती थी और क्लास में अंधेरा हो जाता। जबकि बाहर सूरज की अच्छी-खासी रोशनी होती थी। तब सोचा कि ऐसी ईंटों से दीवार बने, जिसमें से सूरज की रोशनी का कुछ हिस्सा अंदर आ सके। इस सोच को हकीकत में बदलने के लिए करीब डेढ़ साल लग गए। करन ने बताया कि साधारण ईंट की एक दीवार पर अगर 20 हजार रुपये लगेंगे तो रोशक्रिट से बनी दीवार 40 हजार की ही बनेगी, लेकिन उसमें फायदा रोशनी का तो होगा ही, साथ ही प्लास्टर और रंगरोगन भी नहीं करने पड़ेंगे।
जूस बेचने के लिए बनाई ‘पियक्कड़.कॉम’
पंजाब यूनिवर्सिटी के एंथरोपोलॉजी विभाग के स्टूडेंट विपिन बंसल और दीक्षा सूद ने मिलकर पियक्कड़.कॉम वेबसाइट बनाई है। यहां पर कई तरह के फ्रेश, नेचुरल जूस को ऑनलाइन आर्डर किया जा सकता है। खास बात है कि उन्होंने विभिन्न तरह के जूस का फॉर्मूला भी खुद तैयार किया है। साथ ही उन्होंने एंटी कैंसर जूस का भी फार्मूला बनाया है। इसमें प्राकृतिक तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। विपिन बंसल और दीक्षा सूद ने भी अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति ‘उद्यमी’ के दौरान दी। इनकी पयक्कड़.कॉम पर मिलने वाले जूस की प्रोडक्शन के लिए इनवेस्टर तलाशे जा रहे हैं। साथ ही पेटेंट प्रक्रिया चल रही है।
‘डीएनडी’ से स्टूडेंट कर रहे कमाई
यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से पास आउट निखिल, आकाश और यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग के स्टूडेंट यशवंत और आशुतोष अपने स्टार्टअप डीएनडी को सफल बनाने में जुटे हुए हैं और उससे कमाई भी हो रही है। डीएनडी यानी डेली न्यूट्रिशन डाइट एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जिस पर हेल्दी खाना उपलब्ध है। वजन बढ़ाने, घटाने और जिम जाने वालों के लिए डाइटिशिन के हिसाब से शेफ खाना तैयार करते हैं। डीएनडी को कई ऑनलाइन फूड चेन ने भी टाइअप किया हुआ है। टीम डीएनडी ने भी ‘उद्यमी’ में अपने प्रोजेक्ट की प्रस्तुति दी। टीम ने बताया कि फिलहाल न्यूट्रिशन डाइट के 100 टिफिन रोजना डिलिवर करते हैं।