राह चलते छोटी-छोटी बातों पर मारपीट एवं संघर्ष से जुड़ी ‘रोडरेज’ की घटनाओं के कारण देश में हर रोज औसतन 3 लोग मारे जा रहे हैं और इस गंभीर स्थिति को देखते हुए रोडरेज की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ठोस कानून बनाने की मांग हो रही है।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2015 में पूरे देश में रोडरेज के 3782 मामले दर्ज किए गए और इन घटनाओं में 4702 लोग घायल हुए तथा इस दौरान मारपीट और संघर्ष में 1388 लोगों की मौतें हुईं। इसी प्रकार से साल 2016 में देश में रोडरेज के 1643 मामले दर्ज किए गए जिनमें 1863 लोग घायल हुए और 788 लोगों की मौत हुई।
भाजपा सांसद रत्न लाल कटारिया ने रोडरेज के विषय को लोकसभा में उठाया। कटारिया ने कहा कि उन्होंने संसद में सवाल उठाया और इस विषय की गंभीरता की ओर ध्यान आकृष्ट करवाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है और देश में रोडरेज की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए ठोस कानून बनाने के बारे में विचार किए जाने की जरूरत है।