दो बार रूक चुका है काम
केंद्रीय हेल्थ सेक्रेटरी सीके मिश्रा ने मंगलवार को पीजीआई में 250 बेड के निर्माणाधीन हास्पिटल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर से पूछा कि यह हास्पिटल कब तक बनकर तैयार होगा। चीफ इंजीनियर का जवाब था जून 2018 तक । इस पर केंद्रीय हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कि हर हालत में दिसंबर 2017 तक हास्पिटल बनकर तैयार हो जाए। इस दौरान उन्होंने यह भी पूछा कि कोई दिक्कत है, तो बता दीजिए। इस पर चीफ इंजीनियर ने कहा कि उनके इलेक्ट्रिसिटी के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (एसई) का तबादला हो गया। इस पूरे प्रोजेक्ट में एसई की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
यदि वह आ जाए तो काम को जल्दी निपटाया जा सकता है। हेल्थ सेक्रेटेरी मिश्रा ने कहा कि वह बात कर एसई का ट्रांसफर रुकवा देंगे। आप बस हास्पिटल जल्दी से जल्दी बनाकर तैयार कीजिए। सूत्रों ने बताया है कि कुछ देर बाद एसई का ट्रांसफर रुक गया है। उसके बाद मिश्रा ने पूरे हास्पिटल का दौरा किया।
दो बार रूक चुका है काम
250 बेड के हास्पिटल को साल 2010 में मंजूरी मिली थी। साल 2011 में इसका निर्माण किया गया। दो साल बाद पता चला कि प्रोजेक्ट को इन्वायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिली है। काम रोक दिया गया। इंन्वायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के बाद काम शुरू हुआ तो पता चला कि निर्माण के दौरान 16 आवश्यक सेवाओं को छोड़ दिया गया था। उसके बाद फिर से काम रोक दिया गया। फरवरी 2017 को छोड़े गए निर्माण के लिए करीब 80 करोड़ फिर से मंजूर किए गए। इससे अब उम्मीद बन रही है कि हास्पिटल का निर्माण जल्दी होगा।
पीजीआई को सांगरपुर की भूमि एक हजार 11 करोड़ में पड़ी
एक साथ इतने रुपयों की मंजूरी मुश्किल
पीजीआई को सारंगपुर में जो 85 एकड़ भूमि मिली है, उसमें पीजीआई ओपीडी, ट्रामा सेंटर और कैंसर हास्पिटल का एक्सटेंशन करेगा। इसके निर्माण में करीब दो हजार रुपये का खर्च आएगा। हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कि एक साथ इतने रुपयों की मंजूरी मिलना मुश्किल है। इसलिए इसका निर्माण चरणों में कराया जाए। लिहाजा अब पीजीआई पहले ओपीडी के निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाएगा। सारंगपुर में ओपीडी में मौजूदा ओपीडी से करीब तीन गुना बढ़ेगी। मौजूदा ओपीडी पांच मंजिला है, जबकि नई ओपीडी सात मंजिला होगी। ओपीडी के निर्माण में करीब 958 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
पीजीआई को सांगरपुर की भूमि एक हजार 11 करोड़ में पड़ी
पीजीआई को सारंगपुर की भूमि करीब एक हजार 11 करोड़ में पड़ी है। हेल्थ सेक्रेटरी के साथ पीजीआई के अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में यह मुद्दा उठा। पीजीआई की ओर से कहा गया कि इस भूमि के लिए वह इतनी राशि नहीं दे सकते। इस पर हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा कि वे एक प्रजेटेंशन बनाकर भेजें। इस बारे में गृह मंत्रालय से बात करेंगे। सारंगपुर की भूमि चंडीगढ़ प्रशासन ने पीजीआई को दी है। इसके लिए पीजीआई को एक हजार 11 करोड़ रुपये देने होंगे।
144 घरों को मंजूरी
पीजीआई में हेल्थ सेक्रेटरी सीके मिश्रा की अध्यक्षता हुई एसएफसी की मीटिंग में 144 घरों को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए करीब 93.5 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इसमें 72 घर फैकल्टी मेंबर के होंगे, जबकि 72 घर स्टाफ के होंगे। इसके अलावा ड्रग एडिक्शन सेंटर को भी अपग्रेड करने की मंजूरी मिल गई है। इसके लिए 12 डाक्टरों की पोस्ट मंजूर की गई है। इसमें छह फेकल्टी मेंबर व छह सीनियर रेजिडेंस होंगे।