नहीं बता रही मोबाइल-लैपटॉप के बारे में हनीप्रीत
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत ने 25 अगस्त की पंचकूला हिंसा में भी अहम भूमिका निभाई थी। अब तक की पूछताछ में जिन पहलुओं पर खुलासा हुआ है, उसे जोड़कर देखा जाए तो हनीप्रीत की भूमिका साफ हो जाती है।
सूत्रों का कहना है कि तीन दिन का रिमांड बढ़ने के बाद हनीप्रीत थोड़ी टूटी है और उसने दंगे की साजिश में खुद के शामिल होने की बात कबूली है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि हनीप्रीत ने इस दौरान न केवल देश भर के डेरा समर्थकों बल्कि इंटरनेशनल कॉल के जरिये विदेश में रहने वाले डेरे के करीबियों से भी कई अहम जानकारियां साझा कीं। हालांकि सबूत न होने पर पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि करने से बच रहे हैं।
पुलिस के सामने तमाम सच्चाई बयां करने की बात हनीप्रीत अदालत में भी कह चुकी है। छह दिनों के रिमांड के दौरान उसने टुकड़ों में गुनाह कबूले हैं, जिसके सबूत जुटाने में एसआईटी जुटी हुई है। पुलिस की नजर अब हनीप्रीत के मोबाइल, लैपटॉप, इंटरनेशनल सिम सहित तमाम इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की बरामदगी पर है जिनसे उसकी भागीदारी साबित हो सके।
सूत्रों के मुताबिक डेरा प्रमुख की कोर्ट में पेशी के दौरान हनीप्रीत ने लाल सूटकेस से खूनी खेल की शुरुआत की। उसने डेेरा प्रमुख को फरार कराने की साजिश रचने के लिए 17 अगस्त को सिरसा डेरे में हुई मीटिंग में भी हिस्सा लिया था। पंचकूला के तमाम रास्तों का नक्शा, डेरा समर्थकों के इकट्ठा होने का ठिकाना, सवा करोड़ रुपये मुहैया कराने, डेरा प्रेमियों के खाने पीने और कोर्ट के फैसले के मुताबिक भीड़ को उसी दिशा में प्रेरित करने में हनीप्रीत की अहम भूमिका रही। ये सब बातें अब तक गिरफ्तार हुए डेरा समर्थक भी पुलिस पूछताछ में खुलासा कर चुके हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार डेरा समर्थकों के बयानों के बारे में जब पुलिस ने पूछताछ की तो हनीप्रीत सवालों में उलझकर कई गुनाह कबूल गई।
नहीं बता रही मोबाइल-लैपटॉप के बारे में
सुनारिया जेल तक डेरा प्रमुख के साथ जाकर हनीप्रीत ने यह जताने की कोशिश की कि पंचकूला में दंगे से उसका सीधे तौर पर संबंध नहीं है। लेकिन दूर रहकर भी हनीप्रीत डेरे के समर्थकों से जुड़ी रहीं। सूत्रों के मुताबिक यही कारण है कि वह अब तक अपने मोबाइल-लैपटॉप और सिम का पता नहीं बात रही है। इनकी बरामदगी से हनीप्रीत और दंगे से जुड़े तमाम लोगों का पर्दाफाश हो जाएगा।