इंडियन मैडीकल एसोसिएशन (आई.एम.ए.) ने शुक्रवार को निपाह वायरस संक्रमण पर एडवाइजरी जारी की, जिसके बारे में दावा किया गया है कि इसने केरल के कुछ जिलों में 11 से अधिक लोगों की जान ले ली है। आई.एम.ए. चंडीगढ़ के प्रैजीडैंट डॉ. नीरज कुमार के मुताबिक इसे लेकर अधिक घबराने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि यह वायरस आमतौर पर चमगादड़ द्वारा फैलाया जाता है जो घरेलू जानवरों जैसे सूअर, घोड़ों आदि को संक्रमित करता है। संक्रमित चमगादड़ द्वारा आंशिक रूप से खाए गए फलों को खाने से भी संक्रमण फैल सकता है।
इसके प्रारंभिक लक्षण अधिक स्पष्ट नहीं होते हैं, प्रभावित मरीज को अचानक ही तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशी दर्द, मतली और उल्टी की शिकायत होने लगती है। गर्दन में अकडऩ और फोटोफोबिया हो सकता है। यह रोग तेजी से बढ़ता है। चेतना में गिरावट के साथ पांच से सात दिनों के भीतर मरीज को कोमा की तरफ ले जाता है।
सावधानी
-फल के पेड़ों पर चढऩे और फल खुद तोडऩे से बचें।
-जमीन से पर गिरे फल खाने से बचें।
-फल अच्छी तरह धोकर खाएं और उपभोग करने से पहले छीलें।
-सूअर और सूअर मांस के संपर्क में आने से बचें।
-तबीयत बिगडऩे पर डॉक्टर को रिपोर्ट करें।
-केरल के प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा से बचें।