डेरा प्रमुख की सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत की जमानत याचिका पर पंचकूला सैशन कोर्ट ने खारिज कर दी हैं। हालाँकि मामले में अभी तक 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें से 18 लोगों को ज़मानत मिल चुकी है।
हनीप्रीत ने कोर्ट में महिला होने की दलील दी थी, कहा था कि मैं एक महिला हूं और 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तब मैं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी।
डेरा प्रमुख को सजा होने के बाद मैं राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गई थी। हिंसा में मेरा कहीं कोई रोल नहीं है। मेरा नाम भी बाद में एफ.आई.आर. में डाला गया। मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैंने खुद 3 अक्तूबर 2017 को आत्मसमर्पण किया था। इस एफ.आई.आर. नंबर 345 के अन्य 15 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है तो 245 दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं।
यह सभी बातें पंचकूला की एक अदालत में हनीप्रीत ने अपनी जमानत याचिका में कहीं थी । हनीप्रीत के एडवोकेट ने दलील दी थी कि हनीप्रीत को जबरन मामले में फंसाया जा रहा है। उसका नाम भी एफ.आई.आर. में बाद जोड़ दिया गया।