पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट और अन्य विवादों से जूझ रही पंजाब यूनिवर्सिटी ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है। पंजाब यूनिवर्सिटी भारत में 10वें नंबर पर आ गई है, जबकि पिछले साल यह 12वें नंबर पर थी। अगर एशिया की बात करें तो पीयू 121 के स्लॉट से उभरकर 114वें रैंक पर आ गई है।
खास बात है कि इस रैंकिंग के स्लैब से आईआईटी और इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस से मुकाबला न करते हुए सिर्फ यूनिवर्सिटी की बात की जाए तो पीयू उत्तर भारत की नंबर एक रैंक की यूनिवर्सिटी बन गई है। यह ताजा रैंकिंग टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटीज ने जारी की है। इसमें पीयू की पिछली रैंकिंग में काफी हद तक सुधार हुआ है।
टाइम्स हायर एजुकेशन एशिया यूनिवर्सिटीज की तरफ से 2018 के लिए जारी की गई रैंकिंग में पीयू को ओवरऑल 31.6 स्कोर मिला है। अगर अलग-अलग श्रेणी के अंक देखे जाएं तो टीचिंग में पीयू को 32.4, रिसर्च में 10.6, इंडस्ट्री इंकम में 31.8 और इंटरनेशनल आउटलुक में 16 अंक मिले हैं। जो पिछले साल के मुकाबले थोड़े सुधार के साथ जारी हुए हैं।
भारतीय शिक्षण संस्थानों में पीयू को दसवां रैंक मिला है और पीयू से आगे देश की आईआईटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली हैं। भारत में नंबर एक रैंक इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस को मिला है।
यह अच्छे संकेत हैं कि पीयू की रैंकिंग में सुधार हुआ है। पीयू शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में सुधार लाने की लगातार कोशिश कर रही है। कई तरह की चुनौतियों के बावजूद रैंकिंग अच्छी होने के पीछे स्टूडेंट्स, शिक्षक और अन्य स्टाफ की मेहनत है।
– प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर, वाइस चांसलर, पंजाब यूनिवर्सिटी
पीयू की रैंकिंग में काफी अच्छा सुधार हुआ है और यह सकारात्मक नतीजे हैं, जिन्हें बरकरार रखते हुए अच्छा काम किया जाएगा।