पाकिस्तान में जन्मे फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह को देश के एक बड़े अवार्ड ‘खेल रत्न’ से नवाजा गया है। इसके साथ ही उन्होंने आखिरी ख्वाहिश भी बता दी।
चार मार्च को पंजाब यूनिवर्सिटी में होने वाले 67वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में उड़न सिख मिल्खा सिंह को खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। उपराष्ट्रपति और पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर एम वेंकैया नायडू के हाथों उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ। वहीं अवार्ड मिलने के बाद जब मिल्खा सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि उनके मरने से पहले कोई ओलंपिक मेडल जीत कर ले आए।
मिल्खा सिंह को 1960 के रोम ओलंपिक में मेडल से चूकने का बेहद मलाल है। मिल्खा सिंह चाहते हैं कि अब कोई ओलंपिक में पदक जीते तो उनको सुकून मिले और चैन से दुनिया से विदा हो सकें। मिल्खा सिंह कहते हैं कि देश के युवा कम मेहनत करके ज्यादा पाने की चाहत रखते हैं, जबकि मेहनत के बिना कोई मुकाम हासिल नहीं किया जा सकता। इसलिए खूब मेहनत करो, तभी खिलाड़ी ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
दीक्षांत समारोह में प्रोफेसर बीएन गोस्वामी को ज्ञान रत्न अवार्ड, सुनील कांत मुंजाल को उद्योग रत्न अवार्ड एवं प्रो. एमएम शर्मा (डीएससी), प्रोफेसर तजिंदर सिंह (डीएससी) और जगदीश सिंह खेहर (एलएलडी) को मानद डिग्री से सम्मानित किया गया। इन सभी मशहूर शख्सियत के अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले अफगानिस्तान, ईरान, थाईलैड सहित 16 राज्यों के 809 विद्यार्थियों को डिग्री से नवाजा गया।
दीक्षांत समारोह में 163 पुरुष एवं 532 महिलाओं को डिग्री दी गई। 270 विद्यार्थियों को मेरिट सर्टिफिकेट, मेडल एवं नगद राशि से सम्मानित किया गया। समारोह में उपराष्ट्रपति के साथ-साथ मुख्य मेहमान पंजाब गवर्नर एवं प्रशासक यूटी वीपी सिंह बदनौर और हरियाणा गवर्नर प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी मौजूद रहे। वहीं समारोह के दौरान पंजाब यूनिवर्सिटी के गेट वन पब्लिक के लिए सुबह दस बजे से दोपहर एक बजे तक बंद रखा गया।