पीयू को बकाया देने से पंजाब का इंकार, यूजीसी के पाले में गई गेंद
पंजाब सरकार ने पीयू को अपने हिस्से की निर्धारित बकाया राशि देने से साफ इनकार कर दिया है। यह राशि 2013-14 से पंजाब सरकार पर बकाया है। मंगलवार देर रात पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और पीयू के वीसी अरुण ग्रोवर के साथ इसी संदर्भ में लंबी बैठक हुई। बैठक में वीसी के अलावा पीयू के रजिस्ट्रार और पंजाब सरकार के वित्त सचिव भी मौजूद थे। बैठक में मनप्रीत ने दो टूक कहा कि यूजीसी की अतिरिक्त ग्रांट मिलने के बाद ही पंजाब सरकार यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाला अपना हिस्सा तय करेगा। फिलहाल पीयू यूजीसी से अतिरिक्त ग्रांट लेने पर फोकस करे।
चार वर्षों से पंजाब ने नहीं दिया है हिस्सा
तकरीबन डेढ़ घंटे चली इस बैठक में वीसी ने पीयू की मौजूदा वित्तीय स्थित पंजाब के वित्तमंत्री केसमक्ष रखी। वीसी ने वित्तमंत्री को बताया कि वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक पंजाब सरकार ने पीयू को दिए जाने वाला अपना निर्धारित फंड पर रोक लगा रखी है। जबकि सरकार ने पीयू को हर साल 20 करोड़ देने का प्रावधान किया था। वीसी ने यह भी बताया कि चार साल पहले भी अपने हिस्से की निर्धारित राशि कभी पूरी नहीं दी।
इस वजह से पीयू केहालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। वीसी ने वित्तमंत्री को ये भी बताया कि दूसरी ओर यूजीसी का सालाना नॉन प्लान बजट भी बढ़ता जा रहा है, लेकिन उसकी अपेक्षाकृत पीयू को दिए जाने वाला बजट प्रतिशत कम होता जा रहा है, जिससे पीयू का आर्थिक ढांचा और गड़बड़ा गया है।