पीयू को मिले महज 20 करोड़, जारी रहेगी अतिरिक्त ग्रांट के लिए संघर्ष
पीयू का आर्थिक संकट बरकरार है। छात्र फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग पर डटे हैं। इस बीच पीयू को थोड़ी राहत जरुर मिली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वीरवार को अंतत: यूजीसी ने पीयू को बीस करोड़ रुपये की अतिरिक्त ग्रांट जारी कर दी है। लेकिन पीयू अथारिटी इस ग्रांट को जहां ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ में मान रही है। कमजोर आर्थिक संकट को लेकर पिछले काफी समय से पीयू अथारिटी संघर्ष कर रही है।
इसके लिए पीयू अथारिटी पंजाब सरकार और केंद्र सरकार दोनों मोर्चों पर लड़ रही है। लेकिन न तो पंजाब सरकार ने अभी तक अपना तय हिस्सा पीयू को दिया और न ही केंद्र सरकार ने। उसके बाद हाईकोर्ट ने पीयू के आर्थिक संकट पर स्वत: संज्ञान लिया और यूजीसी को तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त ग्रांट जारी करने के निर्देश दिए। लेकिन यूजीसी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी थी।
इस चुनौती के बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट ने पीयू केमौजूदा हालात देखते हुए यूजीसी को 5 मई तक पीयू को अतिरिक्त ग्रांट जारी करने केआदेश देकर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देने के आदेश दिए थे। इसी आदेशों के चलते यूजीसी ने वीरवार को 20 करोड़ की राशि पीयू को दे दी है। लेकिन पीयू के वीसी अरुण कुमार ग्रोवर का कहना है कि यह ग्रांट बहुत ही अपर्याप्त है। उनके अनुसार पीयू जिस तरह के आर्थिक संकट से गुजर रही है, उसके लिए यह राशि बहुत नाकाफी है।