पीयू में दो साल बाद NSUI की वापसी
पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में इस बार एनएसयूआई ने परचम लहराया है। प्रधान, उप प्रधान और सचिव के तीनों पदों पर जीत हासिल की है। जबकि संयुक्त सचिव का पद पूसू गठबंधन ने जीता।
दो साल बाद एनएसयूआई ने काउंसिल में जबरदस्त वापसी की है और मुख्य विपक्ष एसएफएस को करारी पटखनी दी। एसएफएस सिर्फ प्रधान पद पर दूसरे नंबर पर रही, जबकि अन्य सीटों पर सूपड़ा साफ हो गया। वीरवार को हुए चुनाव में साढ़े 15 हजार में से 9910 वोट पड़े यानी करीब 63 फीसदी पोलिंग हुई।
पीयू में एमबीए का छात्र जशन कंबोज 2801 वोट लेकर प्रधान बने। जशन ने एसएफएस की उम्मीदवार हसनप्रीत कौर को 611 वोट से हराया। कौर को 2190 वोट पड़े। जशन कंबोज मूल रूप से पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले हैं और उनके पिता किसान हैं। उप प्रधान के पद पद को भी एनएसयूआई उम्मीदवार करनवीर सिंह ने जीता। करनवीर को 3758 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर दूसरे नंबर पर पूसू की निधि लांबा रहीं, जिन्हें 2420 वोट मिले। इस पद में जीत का अंतर 1388 रहा, जो काफी बड़ा है। करनवीर पीयू में इंजीनियरिंग केछात्र हैं। सचिव पद पर वानी सूद ने 2965 वोट हासिल किए और पूसू केउम्मीदवार सूरज दहिया को 669 वोट से हराया। दहिया को 2296 वोट मिले। वानी पीयू में यूआईईटी की छात्रा हैं और मूल रूप से लुधियाना की रहने वाली हैं। संयुक्त सचिव का पद पूसू गठबंधन के संगठन आईएसए केउम्मीदवार करन रंधावा ने जीता जिन्हें 3153 वोट मिले। इस पद पर एनएसयूआई की उम्मीदवार इज्या सिंह 375 वोट से हार गई, जिसे कुल 2778 वोट मिले। करन रंधावा बटाला के हैं और पीयू में एंतरोपोलॉजी के छात्र हैं।