वामपंथी दलों ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों से करोड़ों भारतीयों की आजीविका प्रभावित हो रही है और उन्होंने इसके विरोध में सोमवार, 10 सितंबर को अखिल भारतीय विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया. सीपीएम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोगों पर अभूतपूर्व आर्थिक बोझ डाल रही है. बयान में कहा गया है कि किसान पहले से ही परेशान हैं और इस बढ़ोतरी के चलते सभी क्षेत्रों पर असर पड़ रहा है. यह आर्थिक मंदी को सहयोग कर रहा है. नए रोजगार पैदा करने के बदले यह मौजूदा रोजगार को भी कम कर रहा है.
विपक्षी दलों ने किया 10 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान
इसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति के विरोध में, वामपंथी दलों ने 10 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान का फैसला किया है. वहीं, कांग्रेस ने भी गुरुवार को कहा कि वह ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में सोमवार को राष्ट्रव्यापी बंद आयोजित करेगी. सत्तारूढ़ बीजेपी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ईंधन के मूल्यों में इजाफे पर ‘घड़ियाली आंसू’ बहा रही है. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए ‘मूल्य वृद्धि माफियाओं’ को संरक्षण दिया और अब जनता का ‘दोहन’ कर रही है.
अंतरराष्ट्रीय कारणों से हुई दाम में बढ़ोत्तरी- बीजेपी
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बासी नकवी ने मूल्य वृद्धि के खिलाफ 10 सितंबर को कांग्रेस द्वारा भारत बंद बुलाए जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कारणों से दाम में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि दाम जल्द ही नीचे आएंगे. सरकार का जोरदार बचाव करते हुए नकवी ने कहा एनडीए सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद से महंगाई को काबू में रखा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की चिंता ‘फर्जी’ है और पार्टी इस तरह की ‘धोखाधड़ी’ में माहिर है.
कांग्रेस ने भी बुलाया है भारत बंद
बता दें कांग्रेस ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ आगामी 10 सितंबर को ‘भारत बंद’ बुलाया है पार्टी ने अन्य विपक्षी दलों, सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे ‘भारत बंद’ का समर्थन करें. कांग्रेस का कहना है कि उसकी ओर से आहूत ‘भारत बंद’ सुबह नौ बजे से दिन में तीन बजे तक होगा ताकि आम जनता को दिक्कत नहीं हो.