तेल की ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत तेल उत्पादक देशों के प्रमुख संगठन OPEC (आर्गनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज) से क्रूड ऑयल न खरीदने का मन बना रहा है. उसने अमेरिका और चीन से क्रूड ऑयल खरीदने के लिए बातचीत करना शुरू कर दिया है. ऊर्जा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को ओपेक सदस्य देशों के राजदूतों से मुलाकात में दो टूक कहा कि अगर वे क्रूड ऑयल की कीमतों को लेकर सतर्क नहीं हुए तो भारत उनसे कच्चा तेल नहीं खरीदने पर विचार कर सकता है.
मंत्री का इशारा क्रूड ऑयल कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की ओर है. मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि ओपेक देश क्रूड ऑयल का उत्पादन घटाकर कीमतें ऊंची करने की रणनीति अपना रहे हैं. भारत समेत कई दक्षिण एशियाई देश ओपेक से भारी मात्रा में क्रूड ऑयल खरीदते हैं. साथ ही एलपीजी और एलएनजी का भी आयात करता है.
चीन के साथ साझेदारी कर सकता है भारत
ओपेक प्रतिनिधियों के साथ प्रधान की बैठक से पहले चीन के साथ भी एक बैठक हुई थी. इसमें क्रूड ऑयल को लेकर गठजोड़ बनाने पर बातचीत हुई है. बैठक में तय हुआ कि भारत चीनी कंपनियों से सीधे इक्विटी क्रूड खरीदेगा. इस बैठक में देश की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी इंडियन ऑयल के प्रमुख संजीव सिंह भी मौजूद थे. बैठक में चीनी तेल कंपनियों के कार्यकारियों ने भारत के साथ संयुक्त उद्यम या अकेले निवेश की योजना की व्यावहारिकता पर भी बातचीत की. यह निवेश ओपेक देशों के बजाय अमेरिका से सीधे क्रूड ऑयल और गैस के आयात के लिए होगा. भारत और चीन की 2017 में वैश्विक तेल खपत में 17 फीसदी का योगदान रहा है. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अनुमान जताया है कि वैश्विक मांग में पांच साल में अच्छी बढ़ोतरी होगी.
अमेरिका से सीधे तेल खरीद रहा भारत
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार भारत इस समय अमेरिका से सीधे तेल आयात कर रहा है. अगर भारत को चीन से सीधे तेल मिलने लगता है तो इससे ओपेक पर निर्भरता घटेगी. चीन के साथ गठजोड़ की संभावना से प्रधान अगले हफ्ते वियना में होने वाली ओपेक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में ओपेक सदस्यों के ऊर्जा मंत्रियों तक सख्ती से भारत की बात पहुंचा पाएंगे. यह बैठक 20 जून को प्रस्तावित है.