चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में बाइक टैक्सी चलाने के लिए फाइनल अप्रूवल की तैयारी कर ली है। स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एस.टी.ए.) ने जो नया प्रस्ताव तैयार किया था, उसे अब सैक्रेटरी ट्रांसपोर्ट के पास अप्रूवल के लिए भेज दिया गया है।
सैक्रेटरी ट्रांसपोर्ट जल्द मीटिंग कर फाइनल अप्रूवल देने के संबंध में फैसला लेंगे। यू.टी. ट्रांसपोर्ट सैक्रेटरी डा. अजय सिंगला ने बताया कि उन्हें इसकी फाइल मिल गई है। पहले प्रस्ताव में जो कमियां थी, उसे दूर कर दिया गया है। बता दें कि इसी साल मई में प्रशासन ने रोड सेफ्टी के मुद्दों को लेकर प्रस्ताव पर ब्रेक लगा दी थी। प्रशासन के अधिकारियों का तर्क था कि बाइक को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
वहीं दूसरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पैसेंजर की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए, लेकिन बाइक टैक्सी में पैसेंजर को सुरक्षा देना नामुमकिन है। सबसे बड़ी अड़चन बाइक टैक्सियों का कमर्शियल व्हीकल की श्रेणी में रजिस्ट्रेशन करवाने को लेकर थी। यही कारण है कि जून में एस.टी.ए. ने इन कमियों को दूर करके दोबारा प्रस्ताव भेजा था।
बुकिंग ऐप के जरिए करने की प्लानिंग :
ट्राइसिटी में ओला और ऊबर की 3000 से अधिक टैक्सियां चल रही हैं। बाइक टैक्सी सर्विस में भी बुकिंग ऐप के जरिए करने की प्लानिंग है। इसका किराया कार टैक्सी के मुकाबले आधा होगा। गोवा में इसे पायलट कहा जाता है। गुरुग्राम में बाइक टैक्सी सर्विस की शुरुआत दिसंबर 2015 में हुई थी।
बैंकॉक और लंदन में टू व्हीलर टैक्सी का प्रयोग हो रहा है। गुरुग्राम में टू व्हीलर टैक्सी का मिनिमम चार्जेज 10 रुपए है। इसके बाद प्रति किमी चार रुपए चार्ज किए जाते हैं।
पंजाब सरकार ने की थी अपील :
पंजाब सरकार ने भी इस सर्विस पर विचार करने के लिए प्रशासन से अपील की थी, क्योंकि पिछले साल जुलाई में पंजाब पहले ही मोहाली में यह सर्विस ‘अपनी गड्डी-अपना रोजगार’ स्कीम के तहत शुरू कर चुका है। अब चंडीगढ़ में भी इन्हें परमिट मिल सकें, इसलिए उन्होंने प्रशासन से इसे शुरू करने की अपील की थी।
बता दें कि एस.टी.ए. ने शहर में टू-व्हीलर-टैक्सी सर्विस की पॉलिसी बनाई थी। कंपनियों से आवेदन भी मांगे गए थे। शहर में केवल ऊबर व ओला ने ही मोटो बाइक टैक्सी शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। कंपनियों के प्रस्ताव पर पॉलिसी भी तैयार की गई थी। रोड सेफ्टी काऊंसिल की मीटिंग में भी बाइक टैक्सी सर्विस शुरू किए जाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई थी।
उस समय मीटिंग में बाइक टैक्सी सर्विस में महिला पैसेंजर की सैफ्टी को ध्यान में रखते हुए हैलमेट, एक हैलमेट के अलग-अलग पैसेंजर के प्रयोग और बाइक पर स्पीडो मीटर लगाने जैसे मुद्दे उठाए गए थे। इन मुद्दों का प्रशासन कोई हल नहीं निकाल सका थी, जिसके चलते प्रस्ताव को रोक दिया गया था।