अभी हाल ही में सैक्टर-47 स्थित माऊंट कार्मल स्कूल की ओर से कुछ 10वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों के रोल नंबर रोकने का मामला सामने आया था। इसमें स्कूल प्रशासन ने छात्रों को फीस न आने के कारण रोल नंबर देने से इंकार कर दिया था।
हालांकि सोमवार को स्कूल प्रशासन ने सभी छात्रों को रोल नंबर स्लीप दे दी हैं लेकिन नैशनल कमीशन फॉर प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के साथ-साथ सी.बी.एस.ई. बोर्ड ने भी इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है। जारी पत्र से बोर्ड ने सभी प्राइवेट स्कूलों को चेतावनी दी है कि कोई भी स्कूल बोर्ड की परीक्षा देने की योग्यता रखने वाले छात्र का एडमिट कार्ड नहीं रोक सकता।
बतां दे कि इसे लेकर न सिर्फ चंडीगढ़ बल्कि अन्य शहरों के स्कूलों से भी ऐसी शिकायतें पहुंच रही हैं, जिसमें छात्र को एडमिट कार्ड के बदले फीस जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है। जो गलत तो है और साथ-साथ बोर्ड के नियमों की भी उल्लंघना है।
बोर्ड की ओर से 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों का एडमिट कार्ड तभी जारी किया जाता है, जब स्कूल की ओर से छात्र को योग्य माना जाता है। परीक्षा में बैठने के किसी भी योग्य छात्र को न तो प्रैक्टिकल और न ही थ्योरी परीक्षा में बैठने से रोक सकता है।
प्राइवेट स्कूलों पर हो कड़ी कार्रवाई
चंडीगढ़ पेरैंट्स एसोसिशन के प्रधान नितिन गोयल का कहना है कि बोर्ड ने बहुत सही समय पर यह पत्र जारी किया है। न जाने ऐसे कितने स्कूल हैं, जो छात्रों व उनके अभिभावकों को परीक्षाओं के पास आते ही ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं।
ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य के खराब हो जाने के डर से स्कूल की मांग मान लेते हैं। इसके चलते ऐसे केस सामने नहीं आ पाते लेकिन कुछ प्रतिशत पेरैंट्स ही स्कूल के विरोध में आगे आते हैं।
बोर्ड की ओर से ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने अभिभावकों को ब्लैकमेल कर पैसे कमाने को अपना धंधा बना रखा है।