फिर सूखने लगी सुखना, गर्मी पड़ने से जलस्तर में सवा चार इंच की गिरावट
गर्मी शुरू होते ही सुखना पर संकट छाने लगा है। ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई बंद होते ही जलस्तर में गिरावट शुरू हो गई है। एक मार्च को सुखना लेक का जलस्तर 1154.40 फुट रिकार्ड किया गया था। 28 दिन बाद मंगलवार को जलस्तर गिरकर 1154.05 फुट रह गया है।
इस हिसाब से सुखना में जलस्तर की करीब सवा चार इंच की गिरावट दर्ज की गई है। एक हफ्ते पहले ही प्रशासन ने ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई बंद कर दी थी। प्रशासन ने दावा किया था कि शहर में पानी की डिमांड बढ़ते ही ट्यूबवेल को बंद कर दिया जाएगा। ट्यूबवेल से जलस्तर मेंटेन किया गया था। न तो उससे जलस्तर बढ़ा था और न ही कम हुआ था।
तेजी से कम होगा सुखना का पानी
रुड़की स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी की एक स्टडी बताती है कि वाष्पीकृत होने से रोजाना सुखना से चार एमएम पानी कम होता है। नवंबर से फरवरी तक रोजाना चार एमएम पानी कम होता है। जैसे-जैसे तापमान में बढ़ोतरी होगी, सुखना के जलस्तर में तेजी से गिरावट होगी। अप्रैल के महीने में 10-15 एमएम पानी की गिरावट होगी। जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है उससे तो यही अंदाजा लगाया जा रहा है इस बार जलस्तर और तेजी से गिरेगा।
अब बारिश ही विकल्प
ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई बंद होने से सुखना का जलस्तर बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं है। बारिश ही एक मात्र विकल्प है। हाल-फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं दिख रही है। कुल मिलाकर जो हालात पिछले साल थे, वही स्थिति इस बार भी होने वाली है। प्रशासन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से भी इस बारे में कुछ भी नहीं सोचा गया है।