फीस पर फसाद: चांसलर ने तलब की रिपोर्ट, राज्यसभा में गूंजा मामला

फीस पर फसाद: चांसलर ने तलब की रिपोर्ट, राज्यसभा में गूंजा मामला

फीस पर फसाद: चांसलर ने तलब की रिपोर्ट, राज्यसभा में गूंजा मामला

पीयू में फीस वृद्धि को लेकर छात्रों के उग्र आंदोलन और हिंसा का मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है। पीयू के चांसलर एवं उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने वीसी अरुण ग्रोवर से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की है। वहीं बुधवार को राज्यसभा में ंभी हिंसा और फीस वृद्धि का मामला उठा। वीसी का कहना है कि इस मामले में पीयू अपना जवाब दे देगा।

दरअसल, पीयू में छिड़ी हिंसा के चर्चे देश और विदेश तक हो गए हैं। इसी के चलते पीयू के चांसलर एवं उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने गंभीरता दिखाते हुए पीयू के वीसी से सारे मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट में पूछा गया है कि आखिरकार ऐसे हालात क्यों बने, जिस वजह से पीयू में हिंसा हो गई?

दूसरी ओर, बुधवार को राज्यसभा के शून्य प्रश्नकाल में छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने छत्तीसगढ़ और पंजाब यूनिवर्सिटी में बढ़ाई गई बेतहाशी वृद्धि और इसका विरोध करने वालों पर पुलिस की बर्बरतापूर्ण रवैये का मुद्दा उठाया।

आंदोलन छात्रों का अधिकार है, लेकिन हिंसा गलत है। हिंसा का रास्ता आंदोलन का उद्देश्य भटकाता है। पीयू में हुई हिंसा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। सभी राजनीति दलों को एकजुट होकर छात्रों के इस आंदोलन को सकारात्मक पटाक्षेप करवाना चाहिए।
-सत्यपाल जैन, पूर्व सांसद-

पीयू में हिंसा बेहद निंदनीय है, पुलिस का लाठीचार्ज और फिर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करना गलत है। पीयू के आर्थिक हालात ठीक नहीं है। यहे पीयू की एकेडमिक फ्रीडम पर हमला है। सरकार को देखना चाहिए कि आखिरकार किस वजह से पीयू की ग्रांट रुकी हुई है। इस घटना से पीयू में पढ़े पूर्व छात्र भी बेहद आहत है, क्योंकि इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई।
-मनीष तिवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री

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