आप फ्लाइट ऑपरेशन बंद क्यों नहीं कर देते। एक भी फ्लाइट ऑपरेट करने की जरुरत नहीं है। पूरी तरह बंद कर दें। एयर इंडिया की ओर से बैंकॉक की चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट बंद करने मामले में फटकार लगाते हुए हाईकोर्ट की डिविजन बैंच ने स्पष्ट किया कि या तो हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करें अन्यथा कंटैंप्ट के लिए तैयार रहें। एयर इंडिया के एक्जीक्यूटिव ऑफिसर को केस की अगली सुनवाई पर निजी रूप से पेश होने के आदेश दिए गए हैं।
मामले में एयर इंडिया द्वारा बैंकॉक की फ्लाइट बंद करने के मामले में एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर (कमर्शियल) ने एफिडैविट पेश किया, जिस पर बैंच ने नाराजगी जताते कहा कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों की पालना नहीं की गई। दरअसल हाईकोर्ट को बताया गया कि जून में एयर इंडिया ने हज यात्रा के नाम पर फ्लाइट डायवर्ट कर दी थी और उसके बाद इससे आमदनी न होने की बात कह रद्द कर दी गई। ऐसे में हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या बाकी फ्लाइट्स से कमाई हो रही है। एयर इंडिया से सभी सैक्टर्स की जानकारी मांगी गई थी। हालांकि सिर्फ बैंकॉक फ्लाइट की ही जानकारी एफिडैविट में दी गई। ऐसे में एफिडैविट को अस्वीकार कर दिया गया।
प्रयास करें, यहां से ज्यादा फ्लाइट्स उड़ान भर सकें
एयरपोर्ट से जुड़े विभिन्न विकास कार्यों के मुद्दे पर हाईकोर्ट को जानकारी दी गई कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 25 अक्तूबर को दिल्ली में मीटिंग रखी है, जिसमें सभी एयरलाइंस और उनके सीनियर्स को बुलाया गया है, जिसमें बताया जाएगा कि चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट 31 मार्च, 2019 से पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रयास करें कि यहां से अधिक से अधिक संख्या में नैशनल और इंटरनैशनल फ्लाइट्स उड़ान भर सकें।