रहने के मामले में चंडीगढ़ ने 5वां स्थान हासिल किया है। इस रैंकिंग के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने जिन चार कैटेगरी में परिणामों की घोषणा की है, उनमें शासन (गवर्नेंस), सामाजिक, आर्थिक और भौतिक अवसंरचना शामिल हैं। चंडीगढ़ शासन कैटेगरी में टाप-10 में नहीं शामिल है। इसके अंतर्गत लोगों की जनसुविधाओं से जुड़ी शिकायतों का निवारण भी शामिल होता है।
इसमें नवी मुंबई प्रथम स्थान पर रहा है, जबकि बाकी तीन कैटेगरी में चंडीगढ़ टाप-10 में शामिल है, जिससे ओवरऑल कैटेगरी में चंडीगढ़ को पांचवां स्थान मिला है। आर्थिक कैटेगरी में चंडीगढ़ को नंबर वन रैंकिंग मिली है। सामाजिक और भौतिक अवसंरचना में चंडीगढ़ चौथे स्थान पर है, जबकि केंद्र शासित प्रदेश में चंडीगढ़ रहने के मामले में नंबर-वन पर है।
5 से 10 लाख की आबादी में चंडीगढ़ पहले स्थान पर
नगर निगम का दावा है कि 5 से 10 लाख की जनसंख्या वाले शहर की कैटेगरी में चंडीगढ़ रहने के मामले में नंबर-वन है। निगम कमिश्नर केके यादव ने बताया कि 111 शहरों में सर्वे किया गया था, जिसमें 134 मिलियन लोग रह रहे हैं। 111 शहरों के सर्वे के 4 अलग-अलग मापदंड के 100 अंक थे, जिसमें से जनसंख्या वाली कैटेगरी में चंडीगढ़ ने 53.16 अंक हासिल कर पहला स्थान लिया है। ओवरऑल रैकिंग में चंडीगढ़ ने 53.16 अंक हासिल किए हैं, जबकि नवी मुंबई को 58.02, ग्रेटर मुंबई को 57.78 और तिरुपति को 57.72 अंक मिले हैं।
इंदौर और भोपाल से आगे रहा चंडीगढ़
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में चंडीगढ़ को तीसरा स्थान मिला है। इसमें इंदौर पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर रहा है। वहीं, रहने के मामले में चंडीगढ़ ने भोपाल और इंदौर से बाजी मार ली है। इस मामले में इंदौर आठवे नंबर और भोपाल दसवें नंबर पर आया है।