मध्यमार्ग रहेगा स्टेट हाईवे, दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

मध्यमार्ग रहेगा स्टेट हाईवे, दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

मध्यमार्ग रहेगा स्टेट हाईवे, दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से 16 मार्च को जारी नोटिफिकेशन के माध्यम से मध्यमार्ग का स्टेट हाईवे का दर्जा समाप्त न करने को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। मामले में मध्यमार्ग के सात रेस्टोरेंट्स और बार मालिकों ने हाईकोर्ट में दस्तक दी थी।

मामले में याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण शहर के ज्यादातर ठेके बंदहो रहे थे। यहां व्यापारिक हितों को देखते हुए नेशनल हाईवे-21 और मध्यमार्ग को छोड़कर अन्य सभी सड़कों को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड घोषित कर दिया गया। याची ने कहा कि इन दो सड़कों को छोड़कर अन्य सभी स्थानों पर मौजूद ठेके बच गए हैं, जबकि इनके 500 मीटर के दायरे में मौजूद सभी शराब के ठेके और बार बंद हो गए हैं। मध्यमार्ग पर चल रहे रेस्टोरेंट्स और बार जहां शराब सर्व की जाती थी, उनका व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया है। याची ने अपील की है कि मध्यमार्ग को भी स्टेट हाईवे से डी-नोटिफाई कर वी-2 रोड्स की तर्ज पर मेजर डिस्ट्रिक्टरोड घोषित किया जाए।

याची ने कहा कि प्रशासन के अनुसार, मध्यमार्ग एक ओर से मुल्लांपुर और दूसरी ओर से पंचकूला से जुड़ा है। ऐसे में यह स्टेट हाईवे है, जबकि मध्यमार्ग पीजीआई से शुरू होकर ट्रांसपोर्ट चौक पर समाप्त हो जाता है। ऐसे में यह स्टेट हाईवे नहीं है बल्कि वी-2 रोड है। ऐसे में अन्य सभी वी-1, वी-2 और वी-3 सड़कों की तर्ज पर मध्यमार्ग का स्टेट हाईवे का दर्जा भी डि-नोटिफाई किया जाए।
यह है मामला

याची ने दलील दी कि मध्यमार्ग पर शहर के कई छोटे-बड़े रेस्टोरेंट्स और बार हैं और अगर स्थिति यही रही तो हजारों कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। यदि प्रशासन अपने रुख पर रहा तो बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही करोड़ों रुपये के व्यापार को खत्म करने के साथ ही अपने राजस्व का नुकसान भी करेगा। याची ने कहा कि कई व्यापारियों की पूरी जीवन की कमाई दांव पर लगी है तो कई ने वित्तीय संस्थाओं से बड़ा कर्ज भी लिया हुआ है। अगर यहां शराब सर्व करने पर पाबंदी लगी रही तो उनका करोड़ों का नुकसान हो जाएगा। याची ने कहा कि जब बाकी लोगों के कारोबार को बचाया गया है तो याची के कारोबार को बचाना भी प्रशासन की ड्यूटी बनती है। हाईकोर्ट ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तो ऐसे में हमारा दखल सही नहीं है।

यह है मामला
गत वर्ष दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि सभी नेशनल व स्टेट हाईवे के 500 मीटर के दायरे में शराब के ठेके और शराब के सर्व करने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी। इन आदेशों से शरह के ज्यादातर ठेकों पर ताला लगना तय हो गया था। चंडीगढ़ प्रशासन ने इससे बचने के लिए नेशनल हाईवे-21 और मध्यमार्ग को छोड़ अन्य सभी वी-1,वी-2 और वी-3 सड़कों को मेजर डिस्ट्रिक्ट रोड घोषित कर दिया, जिन्हें पहले स्टेट हाईवे का दर्जा था। मध्य मार्ग को इससे उपेक्षित रखने को मध्यमार्ग के रेस्टोरेंट्स मालिकों ने चुनौती दी थी। याची ने कहा कि प्रशासन को मध्यमार्ग को भी डी-नोटिफाई करना चाहिए था क्योंकि मध्यमार्ग स्टेट हाईवे न होकर वी-2 रोड है।

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