देश के नामी ओलंपियन पहलवान लोगों के लिए एक ऐसी मिसाल पेश की, जो हर किसी के बस की बात नहीं। उन्होंने बिना दहेज के शादी की और सगाई में सिर्फ एक मुट्ठी चावल लिया।
बात हो रही है पहलवान मनोज कुमार की, जो कुरुक्षेत्र के मथाना गांव की नेहा के साथ शादी के बंधन में बंधे। मनोज कुमार ने उदाहरण पेश करते हुए बिना दहेज के शादी की। वहीं सगाई में शगुन के तौर पर सिर्फ एक मुट्ठी चावल लिए। इस अनोखी शादी की अब हर कोई चर्चा कर रहा है।
मनोज के बड़े भाई वह कोच राजेश कुमार राजौंद ने इस फैसले को सराहा और कहा कि पूरे परिवार ने आपसी सहमति से मनोज की शादी में दहेज की जगह एक मुट्ठी चावल लेने का फैसला किया था और उसी के अनुसार शादी सम्पन्न हुई। अगर सभी इस तरह का काम करें तो भारत दहेजमुक्त हो जाएगा।
राजेश कुमार ने कहा कि अपनी बेटियों को हमें ही बचाना होगा। खुद के साथ दूसरों को भी जगाना होगा। बेटी बचाओ का नारा अपने आप सफल हो जाएगा, जब दहेजमुक्त भारत हो जाएगा। लाखों युवा मनोज को फोलो करते हैं और यदि हम लोग समाज में व्याप्त कूरीतियों को मिटाने के लिए पहल करेंगे तो यह समाज में एक सकारात्मक पहल होगी।
मनोज की जीवनसंगिनी नेहा ग्रेजुएट हैं और उनके पिता शुगर मिल में नौकरी करते हैं। लाडवा के ऑलीशान पैलेस में दोनों का विवाह संपन्न हुआ। इस शादी में परिवार सहित खेल जगत की कई बड़ी हस्तियों ने भाग लिया। देर रात सांसद दीपेंद्र हुड्डा मनोज को बधाई देने के लिए पहुंचे।
कई गणमान्य लोग हुए शामिल
बॉक्सर मनोज की बारात में देश के खेल जगत की जानी-मानी हस्तियों, जिसमें अर्जुन अवार्डी नीरज चोपड़ा, अर्जुन अवार्डी जितेन्द्र (बॉकसर), एशियन गेम्स गोल्ड मैडललिसट बॉक्सर अमित पंघाल, बॉक्सर धीरज, ओलपियन सुमित सांगवान, द्रोणाचार्य अवार्डी जयदेव बिष्ट, अंतराष्ट्रीय बॉक्सर गौरव बिधुड़ी, बॉक्सर नीलकमल, दिनेश ओलपियन, कोच जगदीप हुड्डा व पूडंरी के पूर्व विधायक तेजबीर सिंह व अन्य बहुत सी जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की व मनोज की बारात में सबने नाच गाकर इस अनोखे विवाह को यादगार बना दिया।
कॉमनवेल्थ गेम्स में जीता था गोल्ड
बॉक्सर मनोज ने 2010 में दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में मनोज ने कांस्य पदक जीता। उन्होंने 2007 में मंगोलिया में हुए एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2013 जॉर्डन में हुई एशियन चैँपियनशिप में कांस्य पदक, साउथ एशियन गेम्स 2016 में गोल्ड मेडल जीते। 2014 में मनोज को भारत सरकार ने अर्जुन अवार्ड से नवाजा था।