चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन (सिटको) ने चंडीगढ़ इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर अपने एक आऊटलैट को बंद करने का फैसला किया है। इसे 15 मई से बंद कर दिया जाएगा। सिटको का यह आऊटलैट 50 लाख रुपए के घाटे में चल रहा था।
सिटको ने एयरपोर्ट पर दो फूड आऊटलैट खोले थे, जिसमें से एक इंटरनैशनल फ्लाइट्स के लिए और दूसरा डोमैस्टिक फ्लाइट्स के लिए था। इंटरनैशनल फ्लाइट्स के लिए खोला गया आऊटलैट बिजनैस न होने के चलते घाटे में चल रहा था।
इसके अलावा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से अभी भी 3 से 4 फ्लाइट्स ही आप्रेट हो रही हैं। एक माह तक इंटरनैशनल एयरपोर्ट बंद भी रहा। ये भी सिटको के आऊटलैट के घाटे में होने के प्रमुख कारण है। वहीं डोमैस्टिक फ्लाइट्स के पैसेंजर्स के लिए अभी फिलहाल सिटको अपना एक आऊटलैट जारी रखेगा।
सिटको ने 2016 दिसम्बर में एयरपोर्ट पर ये दोनों आऊटलैट खोले थे और दोनों के लिए वे प्रत्येक माह 10 लाख रुपए प्रतिमाह किराया अदा कर रहा था। यहां तक कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने भी लैटर लिखकर उन्हें किराए की 50 लाख रुपए बकाया राशि क्लीयर के लिए कहा था।
40 लाख के करीब हो चुका है घाटा :
सिटको के एक अधिकारी ने बताया कि ये आऊटलैट कुछ समय से घाटे में चल रहा था, जिससे कि उन्हें 40 लाख रुपए के करीब घाटा हो चुका है। यही वजह है कि उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी को नोटिस भेजकर इंटरनैशनल फ्लाइट्स के लिए चलाए जाने वाले आऊटलैट को बंद करने की जानकारी दे दी है।
जल्दबाजी में खोले आऊटलैट्स :
सिटको के अन्य अधिकारी ने कहा कि बिना ये पता लगाए कि यहां बिजनैस है या नहीं, सिटको ने जल्दबाजी में यहां अपने आऊटलैट्स खोल दिए। उन्होंने कहा कि इससे पहले सिटको अपने आऊटलैट कलाग्राम में बैठक और सैक्टर-34 में ड्रॉप इन चलाने में असमर्थ था। यही कारण है कि दोनों का काम आऊटसोर्स किया गया था।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर इक्यूपमैंट्स, मैनपावर और रेनोवेशन आदि पर पहले ही सिटको काफी पैसे बहा चुका है। यही कारण है कि अब ये सारा पैसा व्यर्थ जाएगा। एयरपोर्ट सी.ई.ओ. सुनील दत्त ने बताया कि उन्होंने हाल ही में सिटको को 50 लाख रुपए अपना पैंडिंग पड़ी किराया राशि चुकाने के लिए लैटर जारी किया था।