रफा-दफा नहीं अंत तक लडूंगा लड़ाई
चंडीगढ़ छेड़छाड़ मामले में पीड़ित लड़की के पिता का कहना है कि, मेरी लड़ाई किसी राजनेता से नहीं है। मेरी लड़ाई दो अपराधी युवकों के साथ है जिन्होने मेरी बेटी को परेशान किया। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ IAS ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि, मेरे पास सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता आए। मैने सभी से निवेदन किया है कि इस मामले में कोई राजनीति न आए। केवल भाजपा की तरफ से कोई संदेश नहीं मिला है। पीड़िता के पिता ने कहा कि वो लड़के लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं, उनको सबकुछ पता है क्या कर रहे हैं। उनको सजा दिलवाना मेरी जिम्मेदारी है।
रफा-दफा नहीं अंत तक लडूंगा लड़ाई
पीड़िता के पिता सीनियर आईएएस ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि वह किसी भी हालत में अपनी शिकायत वापस नहीं लेंगे। वह किसी के दवाब में नहीं हैं। यह मामला उनकी बेटी से जुड़ा है। वह एक पिता और एक अधिकारी होने का पूरा कर्त्तव्य निभाएंगे। उनके साथ न सिर्फ अधिकारी हैं बल्कि कई राजनेताओं ने भी मेरी कार्रवाई का समर्थन किया है। जब उनसे पूछा गया कि उन पर किसी तरह का दबाव तो नहीं है तो उनका जवाब था कि मेरे ऊपर किसी का भी कोई दबाव नहीं है।
हालांकि सुबह एक जानकार ने मुझे सलाह दी कि इस मामले को रफा-दफा कर दो। जिस पर मैंने पर उन्हें जमकर लताड़ा। मैंने उनसे कहा कि मामला मेरी बेटी से जुड़ा है इसलिए मैं किसी भी हालत में पीछे नहीं जाऊंगा।
मैं अपने तौर पर इस लड़ाई को अंत तक लड़ता रहूंगा। अब भारत सरकार, सिस्टम की जिम्मेदारी है कि दोनों आरोपी लड़कों को सजा दिलवाए। कमजोर धारा लगाए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उन्हें चंडीगढ़ पुलिस और सिस्टम पर पूरा भरोसा है। इसका सुबूत यही है कि मेरी बेटी सुरक्षित है। यूटी पुलिस इतनी जल्दी नहीं पहुंचती तो मेरी बेटी के साथ कुछ भी हो सकता था। मैं भी पिछले 30 सालों से नौकरी कर रहा हूं।
मुझे नहीं लगता कि ऐसे मामलों में कोई भी सिस्टम कार्रवाई को गलत रास्ते में लेकर जाएगी। सिस्टम काम कर रहा है और उसको मालूम है कि मामले में क्या कार्रवाई करनी है। जबकि, कमजोर धारा पर किए सवाल पर उन्होंने साफ जवाब दिया कि वह इस मामले में कोई भी राय नहीं देना चाहते।