अब हाईवे के किनारे शराब के ठेके बिना एनएचएआइ की अनुमति के नहीं खोले जा सकेंगे। यह निर्देश पंजाब एवं हरियाणा हाईेकोर्ट ने दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। अब हाइवे के किनारे शराब ठेके खोलने के लिए एनएचएआइ (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की अनुमति लेनी जरूरी होगी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने नगर पालिकाओं के अधीनस्थ राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके खोलने की शर्तों को स्पष्ट किया। हाईकोर्ट ने कहा कि कस्बों, शहरों और गांवों की सीमाओं के बाहर नगर पालिका क्षेत्र से गुजरने वाले राजमार्गों पर एनएचएआइ की अनुमति के बिना शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते।
जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल की खंडपीठ ने चंडीगढ़ के ‘अराइव सेफ’ सोसाइटी के अध्यक्ष हरमन सिंह सिद्धू की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 व जनता की सुरक्षा के मद्देनजर, कस्बों, शहरों और गांवों की सीमाओं के बाहर, लेकिन नगरपालिका क्षेत्रों में राजमार्गों पर राष्ट्रीय राजमार्ग (लैंड और ट्रैफिक) नियंत्रण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों की अनुपालना के बिना शराब के ठेके नहीं खोले जाने चाहिए।
कब्जों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार
यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों की भूमि, इस पर चलने वाले परिवहन और अनधिकृत कब्जों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देता है। हाईकोर्ट ने कहा कि कस्बों, शहरों और गांवों की नगरपालिका सीमाओं के बाहर भूमि पर कब्जा करने के लिए राजमार्ग प्रशासन से अनुमति लेना आवश्यक है। इस मामले में याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों और अहातों को तुरंत हटाए जाने की मांग की थी।