आखिरकार पवन इंसां पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम और उसकी ‘लाडली’ हनीप्रीत की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। पवन इंसां 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा की साजिश में शामिल मुख्य आरोपी है, जिसे स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम ने लालड़ू से गिरफ्तार कर लिया है। हनीप्रीत इंसां, पवन इंसां, आदित्य इंसां, मोहिंदर इंसां और दिलावर के खिलाफ हिंसा की साजिश में शामिल होने और देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है।
इन आरोपियों के खिलाफ सितंबर में लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद से अन्य आरोपी लगातार पुलिस को चमका दे रहे थे। पुलिस ने इस मामले के अन्य आरोपियों के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे। इसके बावजूद लगातार ठिकाने बदलकर पुलिस से एक कदम आगे चल रहे थे। हनीप्रीत के बाद यह पंजाब से दूसरे आरोपी की गिरफ़्तारी है।
गुरमीत राम रहीम की राजदार हनीप्रीत की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ में हुए खुलासे के आधार पर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी, लेकिन पंजाब के लालड़ू से ही आरोपी की गिरफ्तारी हुई। हिंसा की साजिश मामले में पुलिस ने हनीप्रीत को तीन अक्टूबर को पंजाब के जीरकपुर-पटियाला रोड से गिरफ्तार किया था। प्रदेश पुलिस की ओर से दंगा भड़काने वाले 43 आरोपियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में हनीप्रीत का नाम सबसे उपर था, जबकि अब तक फरार चल रहे आदित्य, मोहिंदर और पवन इंसां का भी उसमें नाम शामिल था।
बहन से मिलने आया था पवन, पुलिस ने दबोचा
पुलिस से लगातार बच रहे पवन इंसां की उस वक्त गिरफ्तारी हुई जब वह अपनी बहन से मिलने आया था। 25 अगस्त को पवन हैफेड चौराहे के पास था। सूत्रों की मानें तो पुलिस से बचने के लिए पवन इंसां लगातार हुलिया बदलता रहा।
हिंसा की साजिश के आरोपी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किए जाने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो रही थी। गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया गया था, लेकिन सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तारी उस वक्त हुई जब वह अपनी बहन से मिलने आ रहा था। उसकी बहन पंजाब के इसी क्षेत्र में रहती है।
25 अगस्त को हुई हिंसा और आगजनी के दौरान हैफेड के बाद फूंके गए वाहनों के अलावा सैकड़ों लेागों के हुजुम के आक्रामक होने पर पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स को गोलियां चलानी पड़ी थी। इसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को चोटें आईं जबकि एक अधिकारी के पांव में गहरा जख्म भी हो गया था।
किसने दी थी पवन को पनाह, बड़ा सवाल
पवन इंसां की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के लिए 17 अगस्त को सिरसा में हिंसा से पहले रची गई साजिश में पवन की क्या भूमिका थी। पवन इंसां की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को इस मामले से पंजाब कनेक्शन का भी खुलासा होने की उम्मीद है। पुलिस की जांच इस दिशा में चल रही है कि हनीप्रीत की तरह पवन इंसां को भी तो पंजाब में किसी ने पनाह तो नहीं दे रखी थी।
अब पुलिस की नजर आदित्य इंसां पर टिकी
87 दिनों से पुलिस को चकमा देने वाले हिंसा के साजिश के मास्टमाइंड पवन इंसां को पुलिस ने लालड़ू के पास ड्राइव इन-22 से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। करीब ढाई महीने पहले पवन इंसां के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया था, लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने पर अरेस्ट वारंट भी जारी कर दिया गया था।
पवन इंसां की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की नजरें आदित्य सहित हिंसा की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने वाले उन तमाम आरोपियों पर टिकी हैं, जिनका डेरा मामले से कनेक्शन रहा है। इसके लिए पुलिस स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के कुछ सदस्यों की चार अलग टीमें गठित कर दी हैं। जो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं।
पवन इंसां को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा। वहां उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की पुलिस कोशिश करेगी। ताकि, तमाम फरार आरोपियों के बारे में सुराग लगाया जा सके। वहीं, पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने पवन इंसां की लालडू से गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
हिंसा की साजिश को पहुंचाया था अंजाम तक
आरोपी पवन इंसां डेरा सच्चा सौदा की कोर कमेटी का अहम सदस्य रहा चुका है। उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर हिंसा की इस वारदात को अंजाम दिया। हिंसा की इस वारदात में पंचकूला में 36 लोगों की मौत हुई थी। डेरे के काफी करीब होने की वजह से माना जा रहा है कि आदित्य इंसां के साथ मिलकर पवन ने हिंसा की साजिश को अंजाम तक पहुंचाने में अहम रोल अदा किया है।
पूछताछ में खुलेंगे कई अहम राज
हिंसा की साजिश मामले में हनीप्रीत के बाद यह दूसरी बड़ी गिरफ्तारी है। माना जा रहा है कि अब तक फरार चल रहे पवन की गिरफ्तारी के बाद रिमांड के दौरान होने वाली पूछताछ में कई राज खुलेंगे। इससे अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी संभव हो सकेगी। पुलिस की कोशिश है कि पवन इंसां से हिंसा के पहले सिरसा में हुई मीटिंग के बारे में जानकारियां हासिल की जाएं, ताकि उसी आधार पर अन्य फरार आरोपियों की भी गिरफ्तारी हो सके।
आरोपियों ने बनाया पंजाब को पनाहगाह
हिंसा की साजिश में शामिल पवन इंसां आखिरकार 87 दिनों तक कब, कहां रुका। किसने उसे पनाह दी, इन तमाम सवालों का खुलासा पुलिस पूछताछ में होगा। पुलिस के मुताबिक, फरार रहते हुए पवन कुछ दिनों के लिए उत्तर प्रदेश में भी था। लेकिन सवाल उठता है कि आखिरकार फरार चल रहे आरोपियों ने इतने दिनों तक कोई भी फोन, फेसबुक या वाट्सऐप का इस्तेमाल नहीं किया। लुक आउट नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए देश के अलग अलग ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन पंजाब से हुई दूसरी गिरफ्तारी से आशंका जताई जा रही है कि हिंसा के साजिशकर्ताओं ने कहीं पंजाब को तो पनाहगाह नहीं बना ली।