रैबीज का इंजेक्शन लगवाना तो सीरिंज साथ में लाना, अस्पताल में सीरिंज खत्म

रैबीज का इंजेक्शन लगवाना तो सीरिंज साथ में लाना, अस्पताल में सीरिंज खत्म

रैबीज का इंजेक्शन लगवाना तो सीरिंज साथ में लाना, अस्पताल में सीरिंज खत्म
रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए यदि आप शहर की डाग बाइट क्लीनिक में जा रहे हैं तो बाजार से सीरिंज जरूर खरीद लें, क्योंकि क्लीनिक में सीरिंज नहीं है। बीते तीन माह से ऐसे ही हालात बने हुए हैं। अधिकारियों को इस बारे में कोई खबर नहीं है। पिछले दिनों रैबीज संक्रमित कुत्ते के काटने से घायल लोग जब मंगलवार को वैक्सीन का डोज लगवाने पहुंचे तो उन्हें पहले सीरिंज लाने को कहा गया। इससे लोग गुस्से में आ गए। उनका कहना था कि वे पहले से ही परेशान हैं और यहां आकर उनसे कहा जा रहा है कि पहले सीरिंज लेकर आएं।
नई वैक्सीन के बाद से नहीं है सीरिंज
पिछले साल दिसंबर में नई एंटी रैबीज वैक्सीन इंट्रा-डरमल लांच की गई थी। इसके लिए विशेष तौर पर इंसुलिन सीरिंज इस्तेमाल की जाती है। इससे पहले इंट्रा मस्कुलर वैक्सीन लगती थी, उसमें सामान्य सीरिंज का इस्तेमाल होता थी। इंटर-डरमल वैक्सीन स्किन में लगाई जाती है, जो पहले के मुकाबले सस्ती है और डोज भी कम लगती है। पहले पांच डोज लगते थे, लेकिन अब चार डोज। इंट्रा मस्कुलर में 550 रुपये लगते थे, जबकि इंट्रा डरमल ट्रीटमेंट 450 रुपये।

30 हजार में खरीदा सीरम
पीड़ितों ने बताया कि सेक्टर 16 अस्पताल में ह्यूमन सीरम भी नहीं मिला। पीड़ित 83 वर्षीय बीआर चोपड़ा ने बताया कि वे काफी बीमार हैं। उन्हें डायबिटीज है। उन्हें ह्यमन सीरम लगना था, लेकिन अस्पताल में न होने के कारण बाजार से 30 हजार रुपये में खरीदना पड़ा। डिस्पेंसरी में इक्वाइन रैबीज इम्यूनोग्लोबिन ह्यूमन लगता है। जिनमें इक्वाइन रैबीज इम्यूनोग्लोबिन रिएक्शन करता है, उनमें रैबीज इम्यूनोग्लोबिन ह्यूमन लगाया जाता है।

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