सेक्टर-56 स्थित चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एंड टूरिज्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन (सिटको) के पेट्रोल पंप पर पेट्रोल टैंक में चार हजार लीटर डीजल मिला दिया गया। इस कारण इस टैंक में पड़ा पेट्रोल और डीजल खराब हो गया है। खराब हुए पेट्रोल और डीजल की कीमत सात लाख रुपये आंकी जा रही है। इस तरह की लापरवाही बिना ट्रेंड रखे गए कर्मचारियों के कारण हो रही है। इसकी सूचना सिटको पेट्रोल पंप के जीएम को दी गई। उन्होंने मौके पर पहुंचकर इस घटना का जायजा लिया।
मंगलवार को सेक्टर-56 स्थित पेट्रोल पंप में डीजल का टैंकर दोपहर 2.30 बजे आया। डीजल के टैंकर का पाइप पेट्रोल टैंक से जोड़ दिया गया। जब चार हजार लीटर डीजल पेट्रोल टैैंक में डाल दिया तो इसका पता चला। इसकी जानकारी जब सिटको पेट्रोल पंप के जीएम रजनीश धीमान को हुई तो उन्होंने पेट्रोल पंप के रिकार्ड मंगवाया। इस तरह की गलती कैसे हुई उन्होंने इसकी जानकारी भी मांगी है। इस तरह के हालात के लिए कौन जिम्मेवार होगा। अगर यह तेल सिटको की ओर से गाड़ियों में डाला गया तो गाड़ियों के इंजन तक खराब होने की संभावना है। अब इसका घाटा कौन भरेगा। यह भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
बिना ट्रेनिंग काम कर रहे पेट्रोल पंप पर
सिटको के पेट्रोल पंप पर बिना ट्रेनिंग कर्मचारी काम कर रहे हैं। सिटको की ओर से इन्हें कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई है। इसी कारण ऐसी घटना हुई। सिटको वर्कर यूनियन के प्रेसिडेंट कश्मीर सिंह ने बताया कि सिटको के इन पेट्रोल पंप पर पहले भी गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। इसके बाद भी बिना ट्रेनिंग लोगों को भर्ती किया गया है।
मामले की जानकारी मुझे मिली है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।