शहर के रेजीडैंट्स की जान के लिए खतरा बनते जा रहे ड्राई/डेड ट्री को काटने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने पूरा प्रोसैस तैयार कर लिया है। शहर के विभिन्न इलाकों में ऐसे 434 पेड़ों की पहचान की गई है। इसके लिए प्रशासन कांट्रैक्टर की तलाश कर रहा है। प्रशासन की ओर से इन पेड़ों को काटने के लिए टैंडर जारी कर दिया गया है। लगभग 14 लाख रुपए प्रशासन की ओर से केवल पेड़ों की कटाई के लिए खर्च किए जाएंगे।
यह पहली बार होगा जब इतने बड़े स्तर पर सूखे पेड़ों की कटाई का अभियान चंडीगढ़ में चलाया जाएगा। इससे पहले शहर के लोगों द्वारा कईं बार नगर निगम और यू.टी. के फॉरेस्ट डिपार्टमैंट के पास सूखे पेड़ों को कटाने के लिए शिकायत की गई थी लेकिन आज तक इतने सारे सूखे पेड़ों को हटाने के लिए न तो निगम ने कोई गंभीरता दिखाई और न ही फॉरेस्ट डिपार्टमैंट ने। इस पर यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था।
हाईकोर्ट द्वारा फटकार पडऩे के बाद अब इन पेड़ों को काटने का काम शुरू किया जा रहा है। हाईकोर्ट में प्रशासन की ओर से बताया गया था कि शहर में कुल 615 सूखे पेड़ों की पहचान कर ली गई है। इनमें से अधिकांश को जल्द ही काट दिया जाएगा।
ये हैं शहर के सूखे पेड़ :
बोटल पाम, आम, अशोका, सिल्वर ओक, युकेलिप्टिस, गुल्मोहर, अमलतास, चक्रासिया, कीक, एलिस्टोनिया, अर्जुन।
एक्सीडैंट प्रोन वाले हरे पेड़ भी कटेंगे :
सूखे पेड़ों के अतिरिक्त हरे पेड़ों को भी काटने की तैयार की गई है। इनमें से तीन पेड़ सारंगपुर के स्पोर्ट्स कांप्लैक्स के एंट्रैंस गेट में है। 4 पेड़ गवर्नमैंट मॉडल हाई स्कूल सैक्टर-11 में हैं। इसके अतिरिक्त दो अन्य पेड़ों को काटने के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। अधिकारियों के अनुसार ये पेड़ हादसे का खतरा बन सकते हैं। ऐसे में इन्हें हटाया जाना जरूरी है।
उत्तर, जन और मध्य मार्ग में सबसे अधिक संख्या :
शहर के दक्षिणी सैक्टर्स में रहने वाले रेजीडैंट्स सूखे पेड़ों से सबसे अधिक परेशान हैं। चंडीगढ़ प्रशासन और नगर निगम की ओर से खतरा बन चुके सूखे पेड़ों की जानकारी हासिल करने के लिए स्पेशल टीम तैयार की थी। टीम द्वारा दी गई रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर, जन और मध्य मार्ग में सबसे अधिक सूखे पेड़ हैं जबकि विकास में मार्ग में 40 पेड़ों को खतरा बताया गया। इनके अतिरिक्त सैक्टर-10, 24, 37 और 23 में भी ऐसे ही खतरनाक पेड़ों की पहचान हुई है।
5 पौधेे लगेंगे 1 सूखे पेड़ की जगह :
फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ डिपार्टमैंट की ओर से जारी की गाइडलाइंस में एक कंडीशन यह लगाई गई है कि अगर कहीं से 1 सूखा और मृत पेड़ हटाया जाता है तो उसकी बजाय 5 पौधे लगाने होंगे। इसकी जिम्मेदारी भी इन तीनों विभागों की होगी। इनमें से एक पौधे को तुरंत उसी जगह पर लगाना होगा जहां से सूखा पेड़ हटाया गया है। दरअसल यह कंडीशन लगाने के पीछे कारण बताया गया है कि इससे पहले जब भी सूखे पेड़ हटाए गए हैं तो वहां की बजाय किसी अन्य जगह पर पौधा लगा दिया जाता है।
बदले थे नियम :
शहर में किसी भी सूखे पेड़ को काटने के लिए प्रशासन को पिछले साल अपने नियमों में बदलाव करना पड़ा था। नगर निगम के एस.डी.ओ. (हॉर्टिकल्चर) या यू.टी. के इंजीनियरिंग विभाग के एस.डी.ओ. (हॉर्टिकल्चर) के साथ-साथ डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ, चंडीगढ़ प्रशासन के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर (आर.एफ.ओ.) को इस मामले में स्पेशल पॉवर दी गई है। शिकायत मिलने पर सबसे पहले इनमें से दो विभागों के एस.डी.ओ. और आर.एफ.ओ. मौके पर जाकर यह जानकारी हासिल करेंंगे कि क्या सचमुच में सूखे पेड़ को वहां से हटाने की जरूरत है?