कई रुकावटों को पार करने के बाद संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज होगी. ‘पद्मावती’ फिल्म का नाम बदल कर ‘पदमावत’ किया गया है.
जयपुर: राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य में फिल्म ‘‘पद्मावत ’’का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। प्रदेश के किसी भी सिनेमाघर में यह फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। एक सरकारी विज्ञप्ति में राजे ने कहा है कि रानी पद्मिनी का बलिदान प्रदेश के मान-सम्मान और गौरव से जुड़ा हुआ है, इसलिए रानी पद्मिनी हमारे लिए सिर्फ इतिहास का एक अध्याय भर नहीं, बल्कि हमारा स्वाभिमान हैं। उनकी मर्यादा को हम किसी भी सूरत में ठेस नहीं पहुंचने देंगे। उन्होंने इस सम्बन्ध में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया को निर्देश भी दिए।
25 जनवरी को रिलीज होगी पद्मावती
कई रुकावटों को पार करने के बाद संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज होगी. ‘पद्मावती’ फिल्म का नाम बदल कर ‘पदमावत’ किया गया है. यह जानकारी आज वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सूत्रों ने दी. केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पटकथा को लेकर विवाद में फंस गई फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति प्रदान कर दी है. सीबीएफसी ने निर्माताओं से फिल्म का नाम बदलने और कुछ अन्य बदलाव करने को कहा था. पहले यह फिल्म एक दिसंबर को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने वाली थी.
हालांकि, वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स और संजय लीला भंसाली ने अभी तक कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. प्रोडक्शन हाउस के सूत्रों ने पुष्टि की है कि फिल्म गणतंत्र दिवस से एक दिन पूर्व 25 जनवरी को प्रदर्शित होगी. वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स ने बताया, ‘‘यह फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित होगी. इस बारे में अधिकारिक बयान कब जारी किया जाएगा इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है.’’
ट्रेड विश्लेषक तरण आदर्श ने ट्वीटर पर फिल्म के प्रदर्शन तारीख की घोषणा की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पद्मावत 25 जनवरी 2018 को प्रदर्शित होगी.’’ निर्माता शुक्रवार (26 जनवरी को) को फिल्म प्रदर्शित ना करके 25 जनवरी को ही फिल्म को रिलीज करके कुछ अधिक आमदनी करने की कोशिश कर रहे हैं.
कांग्रेस ने कहा, ‘फिल्म को शांतिपूर्ण ढंग से रिलीज करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी’
विवादों में घिरी पद्मावती फिल्म को सेंसर बोर्ड का प्रमाणपत्र मिल जाने के बावजूद करणी सेना द्वारा इसका विरोध जारी रखने के बीच कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि फिल्म शांतिपूर्ण ढंग से रिलीज हो सके, यह राज्य सरकारों का दायित्व है. केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पद्मावती फिल्म को (यू/ए) प्रमाणपत्र दिया है. हालांकि करणी सेना ने कहा है कि वह इस फिल्म का विरोध जारी रखेगी.
करणी सेना के विरोध के बारे में प्रश्न किये जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि एक बार जब सीबीएफसी प्रमाणपत्र दे देता है तो राज्य सरकार का यह उत्तरदायित्व होता है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को समान्य बनाये ताकि फिल्म के रिलीज में कोई बाधा उत्पन्न न हो. यह उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि अपने राज्यों में फिल्म को शांतिपूर्ण ढंग से रिलीज करवाना संबंधित प्रदेश सरकार का दायित्व है.
यह पूछे जाने पर कि करणी सेना के पीछे कौन सी ताकते हैं? तिवारी ने कहा, ‘‘प्रश्न यह महत्वपूर्ण नहीं है कि करणी सेना के पीछे कौन खड़ा है? प्रश्न यह है कि आज हाशिये पर रहने वाली ताकतों और मुख्यधारा की ताकतों में भेद मिट गया है.’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग ‘‘घर वापसी, लव जिहाद.. गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में यह बात स्पष्ट हो गयी है कि हाशिये वाली ताकतों और मुख्यधारा की ताकतों में कोई फर्क नहीं है. हाशिये वाली ताकतें आज राजनीति की मुख्यधारा में आ गयी हैं.’’
करणी सेना पद्मावती फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए इसका विरोध कर रही है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणपत्र देने के साथ इसमें कुछ बदलाव का सुझाव दिया है जिसमें इसका नाम बदलकर ‘पद्मावत’ करना शामिल है.