कंडम वाहनों की वजह से हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन मिनिस्ट्री ऑफ रोड, ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे (रोड सेफ्टी सैक्शन) के निर्देशों पर जल्द ही इंस्पैक्शन एंड सर्टिफिकेशन (आई. एंड सी.) सैंटर सैटअप करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि ये सैंटर्स कहां खुलेंगे इसे लेकर प्रशासन पहले सर्वे करेगा। इसमें उन जगहों की पहचान की जाएगी, जहां ये सैंटर्स खुल सकते हैं। दरअसल सैंटर खोलने के लिए कुछ शर्तें मिनिस्ट्री ने रखी हैं, जिनके आधार पर ही सैंटर खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
मिनिस्ट्री ने कुछ माह पहले आई. एंड सी. सैंटर्स के लिए बाकायदा निर्देश जारी किए थे, जिनका मकसद सड़कों से ऐसे वाहनों को पूरी तरह से हटाना है जो हादसों की वजह बन सकते हैं या जिनकी वजह से एयर पॉल्यूशन लैवल बढ़ सकता है। सैंटर खुलने के बाद जल्द शहर में व्हीकल्स की इंस्पैक्शन शुरू होगी और उन्हें सर्टिफिकेशन टैस्ट से गुजरना होगा। इसके लिए मिनिस्ट्री द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 तक का टारगेट फिक्स किया है। इस पीरियड में मिनिस्ट्री उन शहरों को इंस्पैक्शन एंड सर्टिफिकेशन सैंटर सैटअप करने के लिए वित्तीय मदद देगी, जिनका नाम लिस्ट में शामिल है।
जमीन बन सकती है अड़चन
प्रोजैक्ट के तहत प्रशासन के सामने सबसे बड़ी अड़चन जमीन की कमी बन सकती है। अभी प्रशासन को यह भी तय करना है कि शहर में कितने सैंटर खोले जाएंगे। मिनिस्ट्री ने जो गाइडलाइंस तैयार की हैं, उनमें यह कंडीशन भी रखी गई है कि व्हीकल्स इंस्पैक्शन सैंटर्स की भी ऑडिटिंग की जाएगी। ताकि टैस्ट रिजल्ट से कोई छेड़छाड़ न की जा सके। इसके लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की जिम्मेदारी तय होगी। ऑडिट में यह जांच की जाएगी कि सैंटर के सभी उपकरण वर्किंग कंडीशन में हों।
सैंटर में ऐसे होंगे टैस्ट
-सैंटर के भीतर इंस्पैक्टर द्वारा व्हीकल को सभी दस्तावेजों के साथ रिसीव किया जाएगा। इसके बाद क्लाइंट को वेटिंग एरिया में भेज दिया जाएगा। व्हीकल को लेन में लाया जाएगा जहां उसका टैस्ट होगा।
– सबसे पहले एमिशन टैस्ट, स्पीडोमीटर टैस्ट और बाहरी इंस्पैक्शन की जाएगी।
-इसके बाद व्हीकल का भार, रोलर ब्रेक टैस्ट, लाइटिंग और इंडिकेटिंग डिवाइस का टैस्ट होगा।
-फिर हैड लैंप टैस्ट और अंडरबॉडी विजुअल इंस्पैक्शन की जाएगी।