शहीद भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन, पाकिस्तान ने लाहौर में शादमान चौक का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखे जाने और वहां भगत सिंह का बुत लगाए जाने की मांग के लिए लाहौर हाईकोर्ट में दायर याचिका की पहली सुनवाई हुई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए अगली तारीख 5 मार्च तय की है।
काबिलेजिक्र है कि लाहौर जेल में जिस जगह पर 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, उस जगह पर अब लाहौर में शादमान चौक बना है। पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह का जन्मदिवस और शहीदी दिवस आयोजित करती आ रही शहीद भगत सिंह फाउंडेशन पाकिस्तान मांग कर रही है कि उस जगह हुई शहीद भगत सिंह की शहीदी के मद्देनजर चौक का नाम बदल कर शहीद भगत सिंह चौक रखा जाए और उनका बुत लगाया जाए।
फाउंडेशन का मानना है कि यह कदम भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। इस संबंध में बुधवार को न्यायालय द्वारा फाउंडेशन की ओर से दाखिल याचिका संख्या 168074 को तत्काल मामलों के तहत सुनने के लिए को स्वीकार कर लिया गया था। गुरुवार को मामले की पहली सुनवाई हुई। फाउंडेशन के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी ने पाकिस्तान से फोन पर जानकारी दी कि अदालत में सुप्रीम कोर्ट के वकील अब्दुल रशीद कुरैशी और उनके सहायक महबूब हसन चौधरी और शाहबाज रशीद कुरैशी (दोनों वकील उच्च न्यायालय) ने केस के पक्ष में दलीलें पेश कीं।
वीरवार को लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शाहिद जमील खान ने मामले की पहली सुनवाई की। इस दौरान दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति शाहिद जमील खान ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह का एक और मामला अदालत में लंबित है, लिहाजा बेहतर होगा कि दोनों मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए। इसके चलते इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख भी उसी दूसरे मामले के साथ ही 5 मार्च को तय की गई। कुरैशी ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह अपने मकसद में कामयाब होंगे और शहीद भगत सिंह को वह सम्मान मिलेगा जिसके वह हकदार हैं।