मैदानी इलाकों में रहने वाले ज्यादातर लोग पहाड़ों पर बर्फबारी की खबर सुनते ही वहां जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। कुछ दिन पहले शिमला और उसके आसपास के इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद अब फिर मौसम विभाग ने 3 फरवरी को बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दो फरवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इस दौरान 3 को शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के कुछ क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है।
बर्फबारी से पहले शिमला जिला प्रशासन की ओर से पंजाब, चंडीगढ़ तथा हरियाणा के प्रशासन से सहयोग की मांग की है। एक पत्र जारी किया गया है। पत्र में लिखा है कि घूमने के लिए आने से पहले सैलानी बाकायदा होटलों या गेस्ट हाउस में बुकिंग करवा कर ही आएं, क्योंकि मौके पर कमरा न मिलने के कारण सैलानियों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
छोटे बच्चों, बुजुर्गों को अपने साथ न लाएं
बर्फबारी के कारण सड़कों पर हादसे होने का डर बढ़ जाता है। आम देखने में आया है कि यह सड़क हादसे गैर तजुर्बेकार ड्राइवरों की गलती के कारण होते है। सैलानियों को अकेले ड्राइविंग करने से भी संकोच करना चाहिए। सफर सिर्फ दिन के समय ही करना चाहिए। अधिक ठंड से बचने के लिए जरूरी गर्म कपड़े, कंबल, गर्म पानी, दूध तथा पदार्थ साथ लाने चाहिए। हो सके तो सैलानियों को छोटे बच्चों, बुजुर्गों को अपने साथ न लाएं।
हर दस मिनट बाद वाहन का इंजन स्टार्ट करें
भारी बर्फबारी, बर्फानी तूफान की स्थिति में सैलानियों को अपने वाहनों को एक तरफ रोककर पार्किंग लाइटों को चालू कर देना चाहिए। अगर लंबे समय तक रुकना पड़े तो हर दस मिनट बाद वाहन का इंजन स्टार्ट करना चाहिए। इंजन स्टार्ट करते समय वाहन के शीशे थोडे़ थोड़े खुले होने चाहिए। ताकि वाहन के अंदर कार्बन मोनोऑक्साइड गैस पैदा न हो सके। डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने सैलानियों को अपील की कि वह शिमला जाने से पहले उपरोक्त हिदायतों की पूर्ण तौर पर पालना करना यकीनी बनाए।
बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे बर्फबारी और बारिश की संभावना है। वहीं वीरवार और शुक्रवार को मौसम साफ रहेगा। तीन फरवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी होने के आसार हैं।