पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड को लेकर सोमवार को सुनवाई करते हुए बोर्ड से बीते 10 वर्षों में हुई आय का ब्योरा तलब किया है। साथ ही मैनेजमेंट में किन लोगों को शामिल किया जाता है, कितना वेतन दिया जाता है, उन्हें कैसे शार्ट लिस्ट किया जाता है तथा उनके लिए कोई निर्धारित योग्यता मानक हैं या नहीं, इस बारे में अगली सुनवाई पर मैनेजमेंट व हरियाणा सरकार को हाईकोर्ट में जानकारी देनी होगी।
गौरतलब है कि मामले में याचिका दाखिल करते हुए राममूर्ति व अन्य ने हरियाणा सरकार द्वारा श्राइन बोर्ड की परिभाषा बदलते हुए कालका के सारे मंदिरों का अधिग्रहण करने के फैसले को चुनौती दी है। इसमें हरियाणा में पूर्व की हुड्डा सरकार पर आरोप लगाया गया था कि सरकार ने मंदिर को अपने चहेतों को नौकरी देने का जरिया बना दिया है। यहां पर अधिकतर नियुक्तियां सरकार के करीबियों की होती है।
हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड ने लोगों के लिए किए गए कार्य गिनाए। बोर्ड ने कहा कि बीते तीन साल में जितना विकास हुआ है उतना पूर्व में कभी नहीं हुआ है। हाईकोर्ट ने कहा कि हमें दो साल या तीन साल का नहीं बल्कि पिछले 10 साल का ब्योरा दिया जाए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जताई थी चिंता
हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर पिछले दस साल में कैश व अन्य माध्यमों से कितना पैसा बोर्ड के पास आया। इस पैसे में से मैनेजमेंट के सदस्यों को वेतन व सुविधाओं के लिए क्या भुगतान किया जाता है। मैनेजमेंट के सदस्यों के साथ जो स्टाफ अटैच है, उसकी जानकारी दी जाए और यह बताया जाए कि इन्हें कितना और कहां से वेतन दिया जाता है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जताई थी चिंता
इससे पहले हरियाणा सरकार ने कालका स्थित कालका देवी के मंदिर के अधिग्रहण पर स्थिति स्पष्ट कर कहा था कि इस मंदिर की व्यवस्थाओं को लेकर वहां का प्रबंधन गंभीर नहीं है। यहां हजारों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। हलफनामे में कहा गया है कि इस मंदिर की हर साल की इनकम 50 लाख के करीब है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार का कोई भी अकाउंट नहीं खोला गया है। हाईकोर्ट ने इस पर श्राइन बोर्ड को सवालों के घेरे लेते हुए उनसे उनके बारे में जानकारी पूछ ली है।
अधिसूचना रद्द करने की मांग
कालका निवासी राममूर्ति एवं अन्यों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर हरियाणा सरकार की 8 अगस्त 2010 और 22 अगस्त 2010 की अधिसूचना को रद्द करने का आग्रह किया है। श्राइन बोर्ड अधिसूचना के तहत माता काली देवी मंदिर और उसके प्रबंधन को हरियाणा सरकार ने अपनी देखरेख में लिया है।