समय से पहले स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, व्यक्ति की मौत से डॉक्टर हैरान
अब मौसम के बदलाव का असर बीमारियों पर भी दिखाई देने लगा है। स्वाइन फ्लू की संभावना नवंबर से जनवरी के बीच होती है। लेकिन अप्रैल में इसकी दस्तक से स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ भी हैरान हैं। बता दें कि शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित जीएमसीएच-32 में कालका के एक व्यक्ति की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। अभी अस्पतालों में इसको लेकर न कोई तैयारी गई है और न ही सरकार की तरफ से कोई दिशा निर्देश आए हैं।
बता दें कि शुक्रवार को कालका में एक व्यक्ति की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे जीएमसीएमच-32 रेफर कर दिया था। वहां जांच के दौरान सामने आया कि व्यक्ति को स्वाइन फ्लू है। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्राइसिटी में स्वाइन फ्लू की दस्तक नहीं है। हो सकता है कि मरने वाला व्यक्ति कहीं दूसरे स्थान पर इसके संपर्क में आया होगा।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है, जो ए टाइप के इनफ्लुएंजा वायरस से होता है। यह वायरस एच-1 एन-1 के नाम से जाना जाता है। मौसमी फ्लू में भी यह वायरस सक्रिय होता है।
ऐसे फैलता है
ऐसे फैलता है
जब आप खांसते या छींकते हैं तो हवा में या जमीन पर या जिस भी सतह पर थूक या मुंह और नाक से कण गिरते हैं, वह वायरस की चपेट में आ जाता है। यह कण हवा के द्वारा या किसी के छूने से दूसरे व्यक्ति के शरीर में मुंह या नाक के जरिये प्रवेश कर जाते हैं। मसलन, दरवाजे, फोन, कीबोर्ड या रिमोट कंट्रोल के जरिये भी यह वायरस फैल सकते हैं, अगर इन चीजों का इस्तेमाल किसी संक्रमित व्यक्ति ने किया हो।
शनिवार को सूचना मिली थी, कि स्वाइन फ्लू से एक कालका के व्यक्ति की मौत हुई है। स्वाइन फ्लू का यह इस सीजन का पहला मामला है। इसके लिए पूरी तैयारी सोमवार तक कर ली जाएगी।