जागरण टीम, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ प्रशासन ने हाईकोर्ट के निर्देश के बाद टू व्हीलर चलाने वाली महिलाओं के लिए भी हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। मामले में प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी होते ही महिलाओं ने भी हेलमेट खरीदना शुरू कर दिया है। चालान से बचने के लिए महिलाएं हेलमेट तो पहनने लगी, लेकिन हेलमेट की क्वालिटी और सेफ्टी को लेकर सजग नहीं है। शहर के शोरुम में ब्राडेड हेलमेट की रेंज 800 रुपये से शुरू होती है, जबकि सड़क किनारे हेलमेट की रेंज 250 से 350 तक आसानी से मिल जाता है। सड़कों पर हेलमेट की बढ़ी सेल
शहर में जगह-जगह सड़कों पर हेलमेट की बिक्री हो रही है। यहा पर बिना प्रशासन की अनुमति के हेलमेट बेचे जा रहे हैं। यूटी प्रशासन या ट्रैफिक पुलिस भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। सड़क किनारे से हेलमेट खरीदने वाले लोग यह भी नहीं सोचते हैं कि जिस हेलमेट से वे सिर को सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं, वह उसकी सुरक्षा नहीं सिर्फ चालान से बचा सकता है। सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट
पुलिस सख्ती दिखाती है कि तो हेलमेट की जरूरत लोगों को महसूस होने लगती है। हालाकि ज्यादातर लोग हेलमेट का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उन्हें असली की पहचान नहीं होती है। लोग सिर्फ चालान से बचने की कोशिश या ट्रैफिक पुलिस से नोकझोंक न हो, इस कारण हेलमेट पहनने की खानापूर्ति करते हैं। यह कहता है नियम
ट्रैफिक पुलिस के नियमों के अनुसार दोपहिया वाहन चालक और सवार को हेलमेट लगाना अनिवार्य है। साथ ही हेलमेट की क्वालिटी को देखते हुए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि आइएसआइ मार्क का हेलमेट लगाया जाए। जागरूकता के बावजूद बिना हेलमेट क्यों?
ज्यादातर लोग हेलमेट पहनने से कतराते हैं, इसलिए वो एक अच्छे हेलमेट में पैसा खर्च करने से बचते हैं। हेलमेट पहनना लोगों के लिए एक बंद कवच से कम नहीं, ऊपर से हेलमेट का वजन में भारी होना भी एक समस्या है। कई लोग हेलमेट पहनने में उलझन महसूस करते हैं। जबकि गर्मियों में पसीने तथा फोम की सिंथेटिक रगड़ के कारण अकसर सिर में खुजली और बाल झड़ने जैसी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। जबकि महिलाएं हेलमेट इसलिए पसंद नहीं करतीं, क्योकि इससे उनके हेयरस्टाइल के बिगड़ने का डर लगा रहता है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि हेलमेट नए डिजाइन के अलावा हल्के तथा ज्यादा से ज्यादा खुला हो, साथ ही सिर और गर्दन का ऊपरी हिस्सा कवर हो। 200 का हेलमेट चालान बचा सकता है, जान नहीं
पंचकूला : जिले में महिलाओं के लिए हेलमेट जरूरी करने के बाद शहर में विभिन्न जगहों पर सड़क किनारों पर हेलमेट बेचे जा रहे हैं। इन हेलमेट पर आइएसआइ मार्का तो लगा हुआ है, परंतु 200 से ढाई सौ रुपये में बिक रहे यह हेलमेट मार्क पर सवालिया निशान बन रहे हैं, क्योंकि एक बार नीचे गिरते ही यह हेलमेट टूट जाते हैं। ऐसे में ये महिलाओं को चालान से तो बचा सकते हैं, लेकिन उनकी जान को नहीं। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को ऐसे हेलमेट विक्रेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि केवल हेलमेट दिखावा न बनकर लोगों का सुरक्षा कवच बन सके। पंचकूला के सेक्टर-11, 15, 17, 20 और कई अन्य जगह यह हेलमेट बेचे जा रहे हैं। इन पर निगरानी करने वाला कोई नहीं और लोग भी चालान से बचने के लिए सस्ता हेलमेट खरीद रहे हैं। हेलमेट बेचने वाले भी मानते हैं कि वह कम मजबूती वाला हेलमेट बेच रहे हैं, लेकिन अपना पेट पालने के लिए वह दूसरे की जान की परवाह कैसे करें। पीछे बैठी महिलाओं के चालान भी काटेंगे
दरअसल टू व्हीलर चलाते समय या पीछे बैठे होने पर महिलाओं के लिए सिर पर हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। विदाउट हेलमेट टू व्हीलर चला रही 720 महिलाओं को पुलिस द्वारा चालान थमाया जा चुका है। पंचकूला ट्रैफिक इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार चालान किए जा रहे हैं। फिलहाल टू व्हीलर चला रही महिला के ही चालान काटे जा रहे हैं। सेकेंड स्टेप में टू व्हीलर्स पर बिना हेलमेट पीछे बैठी महिला का भी चालान होगा। अभी पंचकूला ट्रैफिक पुलिस में महिला स्टाफ को मागा गया है। जल्द ही महिला स्टाफ की भी ड्यूटी लगा दी जाएगी । जिनको सीएमओ ने दी है छूट, वही बच सकेंगे
हरियाणा मोटर व्हीकल्स रूल्स 1993 के रूल 185 के तहत बीआइएस मानक वाला हेलमेट सभी दोपहिया वाहन चालकों के लिए पहनना जरूरी है। केवल उन लोगों को छूट है, जिन्हें मेडिकल आधार पर सीएमओ ने हेलमेट न पहनने की हिदायत दी है। इसके अलावा पगड़ी पहनने वाले सिखों को हेलमेट से छूट है। हाईकोर्ट ने एक पीआइएल की सुनवाई के दौरान कहा था कि हरियाणा में हेलमेट न पहनने वालों पर कोई चेक नहीं है। नतीजा यह है कि लोग बिना हेलमेट वाहन चलाते हैं। हेलमेट रखने वाले भी इसे सिर के बजाय बाजू में रखना ज्यादा पसंद करते हैं। हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दायरे में बड़ा राज्य होने और पुलिस की लिमिटेशन होने के चलते हेलमेट न पहनने वालों को पूरी तरह से चेक नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा था कि क्या मौत लिंग देखकर आती है या कोई गारंटी है कि महिलाओं का एक्सीडेंट नहीं होगा। हाईकोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सबकी जान की कीमत बराबर होती है। महिलाओं की खोपड़ी पुरुषों से अलग नहीं होती। हेलमेट खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान
-अंदर का मेटीरियल भी चेक करें। खराब मेटीरियल चेहरे और बालों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
-हेलमेट का साइज ऐसा हो, जो आपको आराम दे। कभी भी कसा हुआ या ढीला हेल्मेट न खरीदें। पहनकर जरूर देंखे।
-जो फुल फेस के साथ ठोडी को कवर करे, वही हेलमेट खरीदें।
-हेलमेट की बेल्ट में लॉक स्विच भी चेक करें। कई बार जल्दी खराब होता है, जो दुर्घटना के समय घातक साबित हो सकता है।
-हेलमेट के ग्लास भी महत्वपूर्ण होते हैं। ब्राडेड हेलमेट के शीशे भी मजबूत होते हैं।
-आइएसआइ मार्का हेलमेट खरीदें। युवतियों के लिए विशेष तौर पर हेलमेट आते हैं।
-कम खर्च के लालच में कभी भी सड़क किनारे दुकान से हेलमेट न खरीदें।
-खरीदते समय इस बात की जाच कर लें कि अंदर के भाग से हेलमेट टूटा न हो।
-हेलमेट में गहरे रंग के शीशे न हो। शीशे पारदर्शी हो या हल्के काले रंग के शेड के साथ हो। सर, सलामती के लिए नहीं, चालान से बचने के लिए सस्ता हेलमेट
मोहाली : चंडीगढ़ पुलिस की ओर से महिलाओं के लिए हेलमेट अनिवार्य करने के बाद एकाएक हेलमेट की सेल बढ़ गई है। लेकिन सर, हेलमेट सलामती के लिए नहीं, बल्कि चालान के डर व जुर्माने से बचने के लिए पहन रही हैं। उधर, हेलमेट की सेल में बढ़ोतरी को देखते हुए सड़क के किनारे हेलमेट बेचने वालों ने भी दाम बढ़ा दिए है। जो हेलमेट 200 रुपये में मिल जाता था, वह 500 रुपये में मिल रहा है। हेलमेट बेचने वालों का कहना है कि यही तो कमाने के दिन हैं। मोहाली पुलिस भी करेगी जागरूक
मोहाली पुलिस भी महिलाओं को हेलमेट को लेकर जागरूक करेगी। एसएसपी मोहाली कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि हेलमेट महिलाओं की सुरक्षा के लिए है। इसलिए महिलाओं को जागरूक किया जाएगा कि वे हेलमेट पहनें। इसके लिए एनजीओ को साथ लिया जाएगा।