महिलाओं के लिए हैल्मेट अनिवार्य करने के मुद्दे पर चीफ जस्टिस पर आधारित डिवीजन बैंच में सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ समेत पंजाब व हरियाणा का जवाब सुनने के बाद याचिका का मकसद पूरा होते देख याचिका के निपटारे के आदेश लिखवाए ही थे कि पंजाब द्वारा पेश जवाब की असिस्टैंट सॉलिसीटर जनरल चेतन मित्तल ने स्थिति स्पष्ट की जिसे लेकर हाईकोर्ट ने केस का निपटारा करने के पूर्व आदेशों को वापस लेते हुए केस की सुनवाई 15 नवम्बर तय करते हुए पंजाब से एक महत्वपूर्ण स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
दरअसल, केस में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की जजमैंट का हवाला देते हुए बताया कि सिख महिलाओं को हैल्मेट में राज्य में छूट दी गई है। इस पर हाईकोर्ट ने प्रश्न किया है कि पंजाब में नाकों के दौरान वह यह सुनिश्चित कैसे करेंगे कि टू-व्हीलर चलाने वाली महिला सिख ही है।
वहीं इस प्रश्न का भी जवाब दें कि बिना टर्बन वाली महिलाओं के चालान क्यों नहीं किए जा रहे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि हैल्मेट खुद की सुरक्षा के लिए है। हाईकोर्ट ने साथ ही कहा कि सभी सिख महिलाओं को छूट क्यों दी गई है, इस पर दो सप्ताह में जवाब पेश करें।