सीएचबी खुद फैसले लेकर उन्हें तोड़ता है
पाबंदी के बावजूद सीएचबी लोगों को उनके घरों के वायलेशन के नोटिस भेज रहा है। जिस कारण हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले लोगों में हाहाकार मचा है। जुलाई में सीएचबी की बैठक में निर्णय लिया गया था कि जिन लोगों के घरों की पुरानी वायलेशन है, उन्हें बोर्ड की ओर से नोटिस नहीं भेजा जाएगा।
जबकि बैठक से पहले भेजे नोटिस पर होने वाली कार्रवाई भी पालिसी न बनने तक निरस्त कर दी थी, लेकिन गर्वनिंग बॉडी की इस बैठक का फैसला अधिकारी नहीं मान रहे हैं। जुलाई में यह निर्णय भी हुआ था कि सिर्फ जो अब नई वायलेशन का निर्माण करेगा उन्हें ही नोटिस भेजे जाएंगे। लेकिन जुलाई से अब तक हाउसिंग बोर्ड करीब एक हजार लोगों को वायलेशन के नोटिस भेज चुका है।
बोर्ड की ओर से शहर के मकानों का सर्वे कर लिया गया है और वायलेशन को रेगुलर करने के लिए पॉलिसी बनाने का प्रस्ताव है। लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। लोगों का कहना है कि रिपेयर करने पर भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। बोर्ड की ओर से जो वायलेशन की रिपोर्ट तैयार की गई है उसमे 80 प्रतिशत से ज्यादा मकानों में वायलेशन पाई गई है।
वायलेशन को रेगुलर करने का भी प्रावधान
बैठक में जिस वायलेशन रहित मकान को प्रशासन द्वारा सत्यापित किए इंजीनियर अगर प्रमाणित करते हुए पत्र जारी कर दें तो ऐसे मकानों को रेगुलर करने के प्रावधान में शामिल करना चाहिए। बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया है कि इनमें वह वायलेशन ही शामिल होगी जो कि बाउंड्री एरिया में होगी, लेकिन जिन लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके अवैध निर्माण किया, उनको तोड़ा जाएगा।
सीएचबी रेजिडेंट्स फेडरेशन के प्रवक्ता रजत मल्होत्रा का कहना है कि सीएचबी खुद ही फैसले लेकर उन्हें तोड़ता है। इस समय भी सीएचबी नोटिस भेज रहा है, जबकि अब तो सभी मकानों का सर्वे हो चुका है। ऐसे में पॉलिसी बनाकर सभी मकानों को रेगुलर करना चाहिए। आ रहे नोटिसों से हजारों परिवार परेशान हैं। सीएचबी गवर्निंग बॉडी के सदस्य रघुवीर लाल अरोड़ा का कहना है कि बैठक में निर्णय हुआ था कि पुरानी वायलेशन के लिए नोटिस नहीं भेजा जाएगा। लेकिन उन्हें कई लोग मिल चुके हैं, जिनको नोटिस आए हैं। उनका कहना है कि चेयरमैन को मामले से अवगत कराया है। अगली बैठक में जो नोटिस आए हैं, उन पर पाबंदी लगाई जाएगी। सर्वे की रिपोर्ट भी बैठक में लाने के लिए कहा गया है।