जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपनी ओर से नहीं घटाएगी। राज्य की आर्थिक हालत के कारण यह संभव नहीं है। पंजाब सरकार पर पिछले दिनों केंद्र के बाद हरियाणा सहित कई राज्याें द्वारा वैट घटाकर पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी करने के बाद दबाव बन गया था। इसके बाद से कैप्टन सरकार इस पर फैसला टाल रही थी। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि राज्य के 40 अस्थायी कर्मचारियों को दिसंबर में स्थायी किया जाएगा।
सोमवार को यहां पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पंजाब सरकार अभी पेट्रोल अौर डीेजल की कीमतों में कमी करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की अार्थिक हालत बेहद खस्ता है और ऐसे में हम पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर वैट नहीं घटाएंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पराली दहन के मामले पर कहा कि इस मामले में नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के नियमों का पाल न किया जाएगा। उन्होंने कहा, इस समस्या के ठोस समाधान के लिए वह दो बार प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री और केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री को लिख चुका हूं। कैप्टन ने कहा, मेरी राज्य के किसानों से सहानुभति है, लेकिन पराली जलाने पर कानून के हिसाब से कार्रवाई तो होगी।
इस मौके पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के 40 हजार अस्थायी कर्मचारियों को दिसंबर माह में स्थायी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की सभी समस्याओं के हल के लिए तत्पर है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 4 अक्टूबर में ट्रोल और डीजल की दरों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी है और तेल कंपनियों ने भी एक रुपये दाम कम कर दिए थे। केंद्र के फैसले के बाद हरियाणा सहित कई राज्यों ने अपने राज्यों वैट कम कर पेट्रोल व डीजल की दरें 2.50 रुपये प्रति लीटर घटा दी थीं। इस तरह हरियाणा सहित कई राज्यों में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में पांच रुपये की कमी हो गई थी।
इसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने भी अपने यहां पेट्रोल व डीजल की दरों में 1.50 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। इसके बाद पंजाब सरकार पर भी दबाव बढ़ गया था। इस संबंध में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें अधिकारियों से पेट्रोल व डीजल की दरों पर वैट में कमी करने से होने वाले असर के बारे में रिपोर्ट मांगी, लेकिन इसके बाद मामला टाला जाता रहा।