सुखना लेक के लिए बनाई गई वेटलैंड अथॉरिटी की पहली मीटिंग 16 जुलाई को है। इसमें सिर्फ एक एजैंडा है कि सुखना लेक को नोटिफाई वेटलैंड घोषित किया जाना। अगर ऐसा होता है तो लेक के आसपास की अनेक गतिविधियों पर इसका असर पड़ेगा। इनमें सबसे अहम यह होगा कि लेक के आसपास के 50 मीटर के दायरे में कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी जाएगी।
ऐसा भी कहा जा सकता है कि सीधे तौर पर लेक के संरक्षण के लिए कड़े नियम बना दिए जाएंगे। मौजूदा समय में लेक के 50 मीटर के दायरे में केवल एक ही बिल्डिंग है जो लेक क्लब है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जो निर्माण पहले हो चुके हैं उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। भविष्य में लेक के आसपास कंस्ट्रक्शन वर्क न शुरू हो इसके लिए नियम बनेंगे। साथ ही लेक के पानी से भी किसी प्रकार की छेड़छाड़ बंद हो जाएगी।
इसके अलावा वेटलैंड में हॉर्टिकल्चर और एग्रिकल्चर गतिविधियां नहीं हो सकती। एक बार मीटिंग में लेक को नोटिफाई करने के लिए अथॉरिटी की अप्रूवल मिल जाए तो जल्द चंडीगढ़ प्रशासन इसकी नोटिफिकेशन निकाल देगा। नोटिफिकेशन मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमैंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज के पास भी भेजी जाएगी।
1992 में वेटलैंड घोषित किया था प्रशासन ने :
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा वर्ष 1992 में सुखना लेक को वेटलैंड घोषित किया गया था। हालांकि तब प्रशासन ने यह फैसला अपने स्तर पर लिया था लेकिन मिनिस्ट्री की नजरों में उस नोटिफिकेशन की कोई वैल्यू नहीं है। इस कारण लेक के सामने आ रही परेशानियों का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा है। मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमैंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज की ओर से नोटिफाई वेटलैंड घोषित होने के बाद अब सुखना लेक को बेहतर तरीके से संरक्षित किया जा सकेगा।