सुखना लेक बचाने की मुहिम में केंद्र भी शामिल, जल संरक्षण के अफसर तलब
पानी के अभाव में सूख रही सुखना लेक को बचाने में यूटी प्रशासन के ढुलमुल रवैये को देखते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण और केंद्रीय जल संरक्षण मंत्रालय को भी इस मुहिम में शामिल कर लिया।
कोर्ट ने दोनों मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को मामले की अगली सुनवाई पर पेश होकर यह बताने को कहा है कि सुखना को बचाने के लिए क्या उपाय किए जाएं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन को भी आदेश दिया कि सुखना के लिए जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसमें पंजाब-हरियाणा के स्थानीय निकाय विभाग और सिंचाई विभाग के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए।
सोमवार को इस मामले पर सुनवाई शुरू होते ही यूटी प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई कि प्रशासन ने सुखना के रखरखाव के लिए वर्ष 2011 में ही हाईकोर्ट के आदेशानुसार एक नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसका नेतृत्व चंडीगढ़ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट को सौंपा गया था।
यूटी प्रशासन की ओर से यह भी बताया गया कि इस कमेटी को जुलाई, 2012 में विस्तार देते हुए प्रशासन ने इंजीनियरिंग सचिव की अध्यक्षता में एक 14 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया था, जिसमें हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एमएल सरीन और एडवोकेट तनु बेदी को भी शामिल किया गया था। इस पर सरीन ने हाईकोर्ट को बताया कि इस कमेटी के गठन के बाद से अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है।