चंडीगढ़(विजय) : एयर पॉल्यूशन की वजह से केवल इंसान ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी भी परेशान हैं। जिसका असर अब माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या पर भी पड़ा है। चंडीगढ़ बर्ड क्लब की ओर से ‘बर्ड मैन ऑफ इंडिया’ सलीम अली की 121वीं बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर रविवार को सुखना फॉरैस्ट एरिया, सुखना लेक और स्मृति वन में बर्ड स्पीशिज काऊंट और वाटर फोल सैंसिज का आयोजन किया गया। जिसमें माइग्रेटरी बर्ड्स की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की है।
विशेषज्ञों की मानें तो इसका एक मुख्य कारण वायु प्रदूषण भी हो सकता है। यही वजह है कि विदेशी पक्षियों की कई स्पीशिज ऐसी हैं जो अभी तक सुखना लेक तक नहीं पहुंची हैं। चंडीगढ़ बर्ड क्लब के प्रधान प्रो. एम.एस. सेखों ने बताया कि पिछले साल इसी समय क्लब द्वारा ऐसा ही सैंसिज करवाया गया था।
जिसमें लगभग 850 प्रवासी पक्षियों का आंकड़ा रिकॉर्ड किया गया था लेकिन ऐसा ही सैंसिज जब रविवार को कराया गया तो उसमें 696 प्रवासी और डोमैस्टिक पक्षी सामने आए।
यही नहीं, लेक में 91 स्पीशीज अभी तक पहुंच चुकी हैं। सेखों ने कहा कि शहर के तापमान में अधिक गिरावट न आना भी एक वजह बना हुआ है लेकिन स्मॉग के कारण हुए वायु प्रदूषण को भी एक मुख्य कारण माना जाए तो गलत नहीं होगा।
केवल चार टफ्टेड डक्स ही मिलीं :
सैंसिज में ऐसी प्रजातियों की भी संख्या काफी कम देखने को मिली जो पिछले साल काफी संख्या में मौजूद थी। इनमें से ही एक है टफ्टेड डक। सैंसेज में यह पूरी सुखना लेक में केवल चार ही पाई गई जबकि पिछले साल इस समय इनकी संख्या काफी अधिक थी। इसके साथ गडवल और बार-हेडिड गीज की संख्या भी पिछले साल की तुलना में कम थी। टीम में शामिल विकास शर्मा को स्मृति वन में रॉक पायथन भी मिला।
तीन टीमों ने किया सैंसेज :
ग्रुप मैंबर्स को तीन टीमों में विभाजित किया गया था। पहली टीम में रीमा ढिल्लो, समर्थ सिंह, सियान नागर, जयदीप सिंह गरेवाल, शोभना और प्रणव शर्मा थे। इनके पास सुखना नेचर ट्रेल और लेक के पिछली तरफ का एरिया था। जबकि दूसरी टीम में सरबजीत कौर, अपराजिता लोबाना, बिंदू नांगिया, सिमरजीत सिंह, विकास शर्मा और सुखविंदर सिंह के नाम शामिल थे। इनके पास स्मृति वन का एरिया था। तीसरी टीम में महेश गर्ग, प्रवीन मल्होत्रा, अमनदीप सिंह चन्ना, मितिंदर सेखों, पंजाब फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आई.एफ.एस. कंवरदीप सिंह थे। इस टीम के पास लेक का मुख्य एरिया था।