सुनवाई में आमने-सामने पेश होकर दलील देने को कहा
डड्डूमाजरा के गारबेज प्लांट के मामले में एनजीटी ने निगम कमिश्नर और जेपी कंपनी के मालिक मनोज गौड़ को तलब किया है। एनजीटी ने दोनों को 11 जुलाई को निजी तौर पर पेश होने को कहा है। तब तक जेपी कंपनी को शहर का सारा कचरा प्रोसेस जारी रखने के लिए कहा गया है।
इस सुनवाई में आमने-सामने पेश होकर दलील देने को कहा गया है। जबकि एनजीटी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उनका मामला पर्यावरण से जुड़ा हुआ है जबकि निगम ने एनजीटी में कहा कि जेपी कंपनी शहर का कचरा प्रोसेस नहीं कर पाई है। प्लांट के अंदर भी कचरे के ढेर लग रहे हैं। इसके अलावा डपिंग ग्राउंड में भी अधिकतर कचरा जा रहा है। इसलिए चंडीगढ़ निगम ने जेपी कंपनी से प्लांट छुड़वाने का निर्णय लिया है जबकि जेपी कंपनी ने कहा कि निगम प्लांट में लगी मशीनरी की सालवेल वैल्यू दिलवा द्रे।
मालूम हो कि जेपी कंपनी ने एनजीटी में निगम से कचरा प्रोसेस करने के बदले में टिपिंग फीस की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की थी, जिसको लेकर सुनवाई चल रही है। जबकि अब तो निगम जेपी कंपनी से प्लांट छुड़वाना चाहता है और सदन में भी समझौता खारिज करने का प्रस्ताव पास कर चुका है इस बात की जानकारी एनजीटी को दे दी गई जबकि जेपी कंपनी ने एनजीटी को तीन ऑप्शन दिए हैं जिसके तहत कंपनी ने सालवाल वैल्यू, या 35 करोड़ या फिर अपनी मशीनरी शिफ्ट करने की मांग की है। जबकि निगम नया प्लांट लगाना चाहता है। निगम का कहना है कि जब तक नया प्लांट नहीं लग जाता तब तक अस्थायी तौर पर कचरा प्रोसेस करने के लिए लालडू के प्लांट में भेज दिया जाएगा। लालडू में जो कंपनी प्लांट चला रही है उनसे लिखित में प्रपोजल भी मांग लिया है।