सोनू निगम ही क्यों, सानिया मिर्जा के समय में क्यों नहीं दाखिल की याचिका’, याचिका ली वापिस
लाउड स्पीकर पर अजान को लेकर दिए गए बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम के बयान को धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला करार देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने याची से पूछा कि आखिर सानिया मिर्जा स्कर्ट विवाद में क्यों नहीं याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने कहा कि पब्लिसिटी पाने के लिए याचिका दाखिल करनी है तो जनहित और दबे-कुचले वर्ग के उत्थान के लिए कोई मुद्दा उठाओ। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
मंगलवार को गन्नौर के आस मोहम्मद और अन्य की तरफ से दाखिल मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पूछा कि यह मामला यहां क्यों लाया गया है? अभी इलाका मजिस्ट्रेट के सामने इस मुद्दे को रखने का विकल्प मौजूद था तो याची सीधे हाईकोर्ट क्यों आए? क्या पब्लिसिटी के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है? इस पर याची की ओर से एडवोकेट एमडी खान और रोज ने दलील दी कि यह मामला किसी प्रकार की पब्लिसिटी के लिए नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर छिड़ती बहस और लोगों के बीच इस विषय को मुद्दा बनते देखकर याचिका दाखिल की गई है।
वकीलों ने कहा कि यह मुद्दा दो धर्मों के बीच सौहार्द से जुड़ा है और याची चाहते हैं कि समाज में किसी व्यक्ति विशेष के बयान के कारण असंतोष की स्थिति पैदा न हो। बड़ी संख्या में सोनू निगम के प्रशंसक और फॉलोअर हैं, उनके बीच भी बहस छिड़ गई है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर सानिया मिर्जा की स्कर्ट के विवाद को याची ने क्यों नहीं उठाया, वह तो ज्यादा बड़ी सेलिब्रिटी थीं।
अनुसूचित जातियों पर अत्याचार, दबे-कुचले वर्ग के अधिकार और अन्य मसले मौजूद हैं, उनको लेकर क्यों नहीं जनहित याचिका दाखिल की जाती। एडवोकेट एमडी खान और रोज ने इस पर कोर्ट से याचिका वापस लेने की छूट मांगी। कोर्ट ने कानूनी आधार पर निचली अदालत को कार्रवाई के लिए अप्रोच करने की छूट देते हुए याचिका खारिज कर दी।