मलोया स्थित स्नेहालय में रहने वाले बच्चों ने नॉनवैज खाने की चाह में ऐसा कारनामा कर दिया कि प्रबंधन को पुलिस में डी.डी.आर. दर्ज करवानी पड़ गई। समाज कल्याण विभाग द्वारा जारी किया गया डाइट चार्ट देखें तो उसमें साफ है कि स्नेहालय में रह रहे बच्चों को सप्ताह में एक बार चिकन खिलाया जाएगा लेकिन स्नेहालय में ऐसा नहीं हो रहा।
ऐसे में बच्चों ने नॉनवैज खाने की चाह में जंगली कबूतरों को मारकर खाना शुरू कर दिया। इसकी भनक प्रबंधन को मिली तो तुरंत कार्रवाई करते हुए पी.एफ.ए. एक्ट के तहत डी.डी.आर. दर्ज करवा दी गई और जांच के बाद एक बच्चे को स्नेहालय से निकाल दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार खाने से पहले बच्चे कबूतर को स्नेहालय की छत पर भूनते थे। बच्चों ने बताया कि चिकन देना तो दूर की बात है, सप्ताह में एक्ट के तहत उन्हें चार दिन अंडे भी नहीं खिलाए जा रहे हैं।
समाज कल्याण विभाग के खिलाफ कौन करेगा कार्रवाई ?
चाइल्ड वैल्फेयर कमेटी ने बच्चों को सही रास्ता दिखाने के लिए तो बच्चों के खिलाफ डी.डी.आर. दर्ज करवा डाली लेकिन सवाल यह उठता है कि समाज कल्याण विभाग के खिलाफ कौन कार्रवाई करेगा? क्योंकि समाज कल्याण विभाग स्नेहालय में रह रहे बच्चों को लेकर हर मामले में लापरवाही बरत रहा है। चाहे वह बच्चों की सुरक्षा हो या फिर बच्चों की डाइट का मामला।
स्नेहालय में रह रहे बच्चों को वह सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं जोकि जे.जे. एक्ट के तहत मिलनी चाहिए। स्नेहालय पिछले करीब एक साल से विवादों में भी घिरा हुआ है। यहां पिछले साल एक बच्चे के यौन शोषण का मामला काफी गर्माया था। स्नेहालय से बच्चों के भागने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। स्नेहालय में रह रहे बच्चे उन्हें पर्याप्त सुविधाएं न मिलने की शिकायतें कई बार कर चुके हैं लेकिन समाज कल्याण विभाग अभी तक गंभीर नहीं हुआ है।