हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती

हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती

हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती

हरियाणा के चारों सीपीएस (मुख्य संसदीय सचिवों) ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंप दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन्होंने पद से इस्तीफा देने का निर्णय हाईकमान की सहमति के बाद लिया।
मंगलवार दिन में मंत्रिमंडल की अनौपचारिक बैठक में तीन सीपीएस मौजूद थे, लेकिन शाम के समय अचानक बदले घटनाक्रम के बाद चारों सीपीएस श्याम सिंह राणा, कमल गुप्ता, सीमा त्रिखा तथा बख्शीश सिंह विर्क एक साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने पहुंचे और पद से त्याग पत्र सौंपा। हालांकि, हरियाणा सरकार के पास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए अभी समय था, लेकिन इस्तीफे के बाद अब हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की कवायद पर विराम लग गया है।

हरियाणा के मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बैंच ने बीते पांच जुलाई को इनकी नियुक्तियों को अयोग्य करार दे दिया था। याद रहे कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 23 जुलाई 2015 को चार मुख्य संसदीय सचिव बनाए थे। बीते साल अगस्त माह में हाईकोर्ट ने पंजाब के 18 मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को रद्द किया तो अधिवक्ता जगमोहन सिंह भट्टी ने पंजाब के संबंध में आए निर्णय को आधार बनाकर हरियाणा के चारों मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को भी हाईकोर्ट में चुनौती दे दी।

पांच जुलाई को हाईकोर्ट ने निर्णय सुनाते हुए लागू करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद हरियाणा सरकार ने कानूनविदों के साथ इस पर विचार-विमर्श किया। पंजाब व अन्य राज्यों के उदाहरण देखते हुए कानूनविदों व भाजपा हाईकमान ने इस्तीफा कराना ही बेहतर समझा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *